dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): Cover Story Dainik Bhaskar : "RASRANG"
http://dilseamit.blogspot.com/2010/06/cover-story-dainik-bhaskar-rasrang.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Thursday 24 June 2010. Cover Story Dainik Bhaskar : "RASRANG". आप सभी के लिए दैनिक भास्कर रविवारीय रसरंग में प्रकाशित कवर स्टोरी पोस्ट कर रहा हूँ ।. कृपया अपनी अमूल्य राय से मुझे अवगत कराये. मेरा ई मेल पता है : amitabhadubey@gmail.com. Http:/ www.bhaskar.com/article/MAG-RAS-the-roads-of-development-1080464. शुभकामनाओं के साथ सदैव आपका ही. अमिताभ अरुण दुबे. Subscribe to: Post Comments (Atom).
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/6/08 - 1/7/08
http://dilseamit.blogspot.com/2008_06_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Tuesday 17 June 2008. मीतू की छतरी. बारिश की. आमद के पहले. मम्मी लेकर आई छतरी. सुंदर सी प्यारी सी. छोटी सी छतरी ।. सप्त रंगो से सजी थी छतरी. इन्द्रधनुष बने थे उसमे. गोल गोल सी घेरो वाली. सुंदर सी प्यारी सी. छोटी सी छतरी . रेशमी धागों को लेकर. मम्मी ने छतरी पर. कुछ फूल बनाये. बेल बनाई. और लिख दिया रेशमी. सुनहरे धागों से उस पर. मीतू की छतरी ।. स्कूल में छतरी. गुम न जाए. खो न जाए. छतरी अब बन गई.
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/1/10 - 1/2/10
http://dilseamit.blogspot.com/2010_01_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Tuesday 26 January 2010. इक उम्मीद. गणतंत्र बने गुणतंत्र. बस यही हो. हर भारतीय का मंत्र. आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें. प्रस्तुतकर्ता. Tuesday 12 January 2010. उजाले हमारे बस में हैं ,. खुशियाँ हमारे हक में है . आप सभी मस्त रहे खुश रहे. आप सभी को नव वर्ष व् नव दशक की हार्दिक शुभकामनायें! यही अभिलाषा. शुभकामनाये. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom). Delhi, delhi, India.
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/8/08 - 1/9/08
http://dilseamit.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Friday 29 August 2008. कहर नही रहम कर. प्यारे खुदा ,. कैसा ये कहर है. ये कैसा मंज़र है. कोसी क्यों ऐसे रूसी. कहीं बादल हमसे रूठे. खुदा थोड़ा सा रहम कर. इस कहर को बंद कर. हम बच्चों की अर्ज़ को सुन. खुदा तू सचमुच प्यारा है. तू अपनी कायनात को प्यार कर. जहाँ अभी बरसा नही है पानी. वहां ये बादल ले के जा. तरसे नैनों को अब और. वहां न तरसा. थोड़ा सा तो पिघल. हम सच्चे हैं. कबूल करना. फँसेहुए. इन घरो...
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/6/10 - 1/7/10
http://dilseamit.blogspot.com/2010_06_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Thursday 24 June 2010. Cover Story Dainik Bhaskar : "RASRANG". आप सभी के लिए दैनिक भास्कर रविवारीय रसरंग में प्रकाशित कवर स्टोरी पोस्ट कर रहा हूँ ।. कृपया अपनी अमूल्य राय से मुझे अवगत कराये. मेरा ई मेल पता है : amitabhadubey@gmail.com. Http:/ www.bhaskar.com/article/MAG-RAS-the-roads-of-development-1080464. शुभकामनाओं के साथ सदैव आपका ही. अमिताभ अरुण दुबे. Subscribe to: Posts (Atom). इक बात .
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/5/10 - 1/6/10
http://dilseamit.blogspot.com/2010_05_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Sunday 9 May 2010. धूप में छाया जैसी ,छाँव में नदिया जैसी. हाथ दुआओं वाले ,रोशन करे उजाले. प्रेम की मूरत ,. दया की सूरत. ऐसी और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ. है ।. तन में मन के जैसी ,जीवन में बगिया जैसी. जिसके दर्शन में हो भगवन. ऐसी और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ है. नज्म : निदा फाजली ). आप सभी को मदर्स डे की शुभकामनायें! प्रस्तुतकर्ता. लेबल: * * माँ. Subscribe to: Posts (Atom). Delhi, delhi, India.
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/6/09 - 1/7/09
http://dilseamit.blogspot.com/2009_06_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Friday 19 June 2009. एलिक्ज़र ऑफ़ लाइफ. चुराता. चुराता. नज्मों. ग़ज़लों. रातों. एलिक्ज़र ऑफ़ लाइफ. फिलासफ़र. राहों में अचानक. प्रस्तुतकर्ता. लेबल: * * एलिक्ज़र ऑफ़ लाइफ. फिलासफ़र स्टोन. Subscribe to: Posts (Atom). Delhi, delhi, India. View my complete profile. इक बात . एलिक्ज़र ऑफ़ लाइफ. गलियारा. मस्तो की टोली. उमरानाला पोस्ट. Watermark template. Powered by Blogger.
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/7/08 - 1/8/08
http://dilseamit.blogspot.com/2008_07_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Saturday 26 July 2008. बगिया में खुशियाँ. गुमसुम सी क्यों है मुनिया. पूछे तितली पूछे बगिया. गुमसुम सी क्यों है मुनिया. गुमसुम सी क्यों है मुनिया. मुनिया मुनिया रानी. सुन भी लो हमसे एक कहानी. गिलहरी गिट पिट खट पट करती. दूब की खाट पर पेड़ों से उतरी. पानी की क्यारी में चिडियां. छप छप डुबकी मारे. मुनिया को मनाये मिलके. सारे नज़ारे. मुनिया की टोपी में. उदासी हुयी फुर्र. मुस्कायी. Monday 21 July 2008.
dilseamit.blogspot.com
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!): 1/1/09 - 1/2/09
http://dilseamit.blogspot.com/2009_01_01_archive.html
सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया! चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला! Thursday 29 January 2009. आस्मां. बांधे. आँखों. प्रस्तुतकर्ता. लेबल: * *दुआ. Tuesday 20 January 2009. तीन गहने. मुस्कुराने. फूलों. जिंदगी. वादियाँ. नदियाँ. गुनगुना. मुस्कुरा. जिंदगी. दुश्वारियां. जिंदगी. ज़िन्दगी. ज़िन्दगी. ज़िन्दगी. जिंदगी लगे. प्रस्तुतकर्ता. लेबल: * *तीन गहने. Saturday 17 January 2009. जन्नत ने जैसे खिड़की खोली. सुबह यूँ हँस के बोली. दिल का झरोखा. अब सवेरे. Delhi, delhi, India.