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अवाम: पता नहीं हम कब सुधरेंगे !
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WE : THE PEOPLE. रविवार, 20 दिसंबर 2009. पता नहीं हम कब सुधरेंगे! नहीं,. 2404; फिर. 2404; चलिए. मुद्दे. 2404; मैं. साथियों. अभी हाल में. पत्रकारिता. 2404; हमने. बाकायदा. शिक्षा. 2404; हाँ,. व्यावहारिक. सिखाया. 2404; लेकिन. 2404; कहीं. रिपोर्ट. 2404; उसकी. रिपोर्ट. 2404; ऐसे. रिपोर्ट. 2404; मेरी. कान्फेरेंस. कार्निवल. 2404; लाख. कीजिये. 2404; कोई. कोई बड़ा भाई होने का. स्थितियों. 2404; फिर. स्थितियों. 2404; दूसरी. 2404; हमारा. और बिना कुछ किए ही. 2404; जैसे. 2404; या. 2404; इतना. देखें. 2404; इसे.
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अवाम: इरोम शर्मीला के समर्थन में भोपाल में कैंडल लाइट विजिल
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WE : THE PEOPLE. गुरुवार, 5 नवंबर 2009. इरोम शर्मीला के समर्थन में भोपाल में कैंडल लाइट विजिल. 2 नवंबर, भोपाल।. प्रस्तुतकर्ता. गुरुवार, नवंबर 05, 2009. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). बेटियों का ब्लॉग. खबरों की ख़बर. स्वागतम, पधारो म्यारो ब्लॉग. समय का इकतारा. प्रकृति के कुछ रंग. नेट की कुछ और गलियां. दैनिक जागरण. बिजनेस स्टैण्डर्ड. बीबीसी हिन्दी. ब्लॉग के कुछ और जिन्न. अगड़म बगड़म. कबाड़खाना. क़स्बा. मोहल्ला.
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अवाम: सभी को नए साल की शुभकामनायें
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WE : THE PEOPLE. मंगलवार, 5 जनवरी 2010. सभी को नए साल की शुभकामनायें. साल २००९ जा रहा है! अमीरों को और अमीरी देकर. गरीबों को और ग़रीबी देकर. जन्मों से जलती जनता को. महंगाई की ज्वाला देकर. साल २००९ जा रहा है. अपनों से दूरी बढ़ाकर. नाते, रिश्तेदारी छुड़ाकर. मोबाइल, इन्टरनेट का जुआरी बनाकर. अतिमहत्वकान्क्षाओं का व्यापारी बनाकर. ईर्ष्या, द्वेष, घृणा में. अपनों की सुपारी दिलाकर. निर्दोषों, मासूमों, बेवाओं की चित्कार. देकर साल २००९ जा रहा. नेताओं की मनमानी देकर. साल २००९ जा रहा. कल नए गढ़ने को. बीबी...ब्ल...
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अवाम: बरेली से जुड़े रहे हैं शहीद-ए-आजम के तार
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WE : THE PEOPLE. सोमवार, 28 सितंबर 2009. बरेली से जुड़े रहे हैं शहीद-ए-आजम के तार. बरेली।. चाचा अजीत सिंह ने की है पढ़ाई. साथी की हुई गिरफ्तारी. क्लीनिक को किया भगत सिंह के नाम. भगत सिंह एक नजर में. प्रस्तुतकर्ता. सोमवार, सितंबर 28, 2009. 2 टिप्पणियां:. ने कहा…. Sach me aap bahut achha likhte ho. 07 अक्तूबर, 2009 04:14. निर्झर'नीर. ने कहा…. युग प्रवर्तक क्रांतिकारी.kitna saccha shabd hai. युग प्रवर्तक ko naman. 29 दिसंबर, 2009 02:25. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. दैनिक जागरण.
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अवाम: कुछ छूट सा रहा है..
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WE : THE PEOPLE. मंगलवार, 14 जुलाई 2009. कुछ छूट सा रहा है. कुछ छूट सा रहा है,. बाकी सब ठीक है. कोई दूर सा हो रहा है,. बाकी सब ठीक है. जीवन में अँधेरा सा छा रहा है,. बाकी सब ठीक है. अब नहीं सुनाई पड़ेगी. हंसी की खनक,. बात-बात पर. पड़ने वाली डांट. जो धीरे-धीरे दे रहे थे. मुझे नया जीवन,. मेरी कमियों को बताकर. उनको दूर भगाकर. समय की करवट से. रेत सा कुछ हाथ से. फिसल रहा है,. बाकी सब ठीक है. कोई दूर सा हो रहा है,. बाकी सब ठीक है. अब किस पर मढू. ये दोष,. समय पर या की खुद पर. फिर, क्यों. Gazab qaanoon ke tahat.
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अवाम
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WE : THE PEOPLE. शनिवार, 3 अप्रैल 2010. आंखें क्या कहतीं,. कुछ समझ नहीं आता. ये आंखें क्या सोचतीं,. कुछ समझ नहीं आटा. ये आंखें क्या कहतीं. कुछ समझ नहीं आता. बस इनमें डूब जाऊ,. ये समझ आता. प्रस्तुतकर्ता. शनिवार, अप्रैल 03, 2010. 2 टिप्पणियां:. ने कहा…. Wow bahut achi rachna he ye. Http:/ kavyawani.blogspot.com/. 03 अप्रैल, 2010 03:39. ने कहा…. 26 अप्रैल, 2010 06:07. एक टिप्पणी भेजें. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. बेटियों का ब्लॉग. खबरों की ख़बर. समय का इकतारा. दैनिक जागरण. अगड़म बगड़म.
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अवाम: जैसे तुम सोच रहे साथी, वैसे आजाद नहीं हैं हम
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WE : THE PEOPLE. शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009. जैसे तुम सोच रहे साथी, वैसे आजाद नहीं हैं हम. मुझे भेजी है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. जैसे तुम सोच रहे साथी,. वैसे आजाद नहीं हैं हम,. जैसे तुम सोच रहे साथी,. वैसे आजाद नहीं हैं हम।. पिंजरे जैसी इस दुनिया में,. पंछी जैसा ही रहना है,. भर पेट मिले दाना-पानी,. लेकिन मन ही मन दहना है,. जैसे तुम सोच रहे साथी,. वैसे संवाद नहीं हैं हम,. जैसे तुम सोच रहे साथी,. वैसे आजाद नहीं हैं हम।. आगे बढ़नें की कोशिश में,. मन से उतना ही टूट गये,. कैसी लगी? ने कहा…. पुरान...मुख...