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एक शहर है

एक शहर है. Friday, July 17, 2015. Wednesday, July 15, 2015. Monday, June 22, 2015. परिंदे. दिल्ली देख ली. 8220;दिल्ली का किला तो. देखा मगर दिल्ली देख ली।“. साहब की बात दिल पे लग गयी। जब वे बेतुकी के इस आलम को आसान सा कातिलाना परिचय दे रहे थे। दरवाजे पे. की रोशनी अब खासी पड़ रही है। हाथ बड़ा कर के उन्हो. आंखो को अपने दांय हाथ में लगी सिगरेट के धुंए को फुंक मरते हुए रूककर कहा. 8220;अजीबो-गरीब है ये दिल्ली. साहब की बातें मेरे मन को पसंद नहीं. 8220;सज्जन रह गये ये! और कई खूबियां. हैं।. मगर कहानि. इतना कह...

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एक शहर है. Friday, July 17, 2015. Wednesday, July 15, 2015. Monday, June 22, 2015. परिंदे. दिल्ली देख ली. 8220;दिल्ली का किला तो. देखा मगर दिल्ली देख ली।“. साहब की बात दिल पे लग गयी। जब वे बेतुकी के इस आलम को आसान सा कातिलाना परिचय दे रहे थे। दरवाजे पे. की रोशनी अब खासी पड़ रही है। हाथ बड़ा कर के उन्हो. आंखो को अपने दांय हाथ में लगी सिगरेट के धुंए को फुंक मरते हुए रूककर कहा. 8220;अजीबो-गरीब है ये दिल्ली. साहब की बातें मेरे मन को पसंद नहीं. 8220;सज्जन रह गये ये! और कई खूबियां. हैं।. मगर कहानि. इतना कह...
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एक शहर है. Friday, July 17, 2015. Wednesday, July 15, 2015. Monday, June 22, 2015. परिंदे. दिल्ली देख ली. 8220;दिल्ली का किला तो. देखा मगर दिल्ली देख ली।“. साहब की बात दिल पे लग गयी। जब वे बेतुकी के इस आलम को आसान सा कातिलाना परिचय दे रहे थे। दरवाजे पे. की रोशनी अब खासी पड़ रही है। हाथ बड़ा कर के उन्हो. आंखो को अपने दांय हाथ में लगी सिगरेट के धुंए को फुंक मरते हुए रूककर कहा. 8220;अजीबो-गरीब है ये दिल्ली. साहब की बातें मेरे मन को पसंद नहीं. 8220;सज्जन रह गये ये! और कई खूबियां. हैं।. मगर कहानि. इतना कह...

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एक शहर है: June 2015

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एक शहर है. Monday, June 22, 2015. परिंदे. दिल्ली देख ली. 8220;दिल्ली का किला तो. देखा मगर दिल्ली देख ली।“. साहब की बात दिल पे लग गयी। जब वे बेतुकी के इस आलम को आसान सा कातिलाना परिचय दे रहे थे। दरवाजे पे. की रोशनी अब खासी पड़ रही है। हाथ बड़ा कर के उन्हो. आंखो को अपने दांय हाथ में लगी सिगरेट के धुंए को फुंक मरते हुए रूककर कहा. 8220;अजीबो-गरीब है ये दिल्ली. साहब की बातें मेरे मन को पसंद नहीं. में एक दूसरे के बीच बस हमारी आँखें थी।. 8220;सज्जन रह गये ये! और कई खूबियां. हैं।. मगर कहानि. इतना कह कर व&#23...

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एक शहर है: November 2013

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एक शहर है. Friday, November 8, 2013. समय के बहाव. Thursday, November 7, 2013. मेरा रूप. छवियों से निकलते समय को कहाँ से देखूँ? क्या निकलना, अन्दर जाने के जैसा ही होता है या जगह हमें बाहर धकेलती है? बाहर आना और बाहर धकेलना! दोनों के साथ और दोनों के बाद।. परछाई ( shadow). मुझ से है, मुझ में है, मुझ पर है मगर सिर्फ मेरी नहीं है।. Subscribe to: Posts (Atom). समय के बहाव. मेरा रूप. परछाई ( shadow). बहुरूपिया शहर. नए संदर्भ से जुड़े ब्लॉग. तनहाई मेरी मित्र हैं. कौन है।. कस्‍बा qasba. हुंकार. I Am Kalam - film.

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एक शहर है: October 2013

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एक शहर है. Saturday, October 19, 2013. Friday, October 18, 2013. थकान प्रभावों में नहीं आभाषों में है। जो ज़िन्दगी को बैचेनियां और रहस्यम बनाता है॥. जहां एकांत मिथक बैचेनियों की दुनिया है। हर दम एक नई आवाज़ में ध्वनित जो सीधा रास्ता नहीं अपनाना चाहती।". सवाल के आजूबाजू. सोच और आंकने की समाजिक पद्धति के साथ में रहना और उसके भीतर अनुसाधनों को सोचना क्या है? Labels: किताब. Wednesday, October 9, 2013. मैं" अनेकता या विशालता का रूप है. Friday, October 4, 2013. कोई ऐसी छवि जिसका व...ऐसी पोशाक...ऊर्ज&#236...

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एक शहर है: April 2015

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एक शहर है. Wednesday, April 22, 2015. घर कहाँ है, मालूम नहीं. ये हमेशा खुश रहते थे और अब देखो की बस चलती सड़क को देखते रहते है और गुस्सा होते रहते हैं. जैसे किसी ऐसी चीज से नाराज हो गए है जो सिर्फ इन्हे ही मालूम है।. कभी वो कागजो मे देखते है तो कभी सड़क पर. कभी खुद की तरफ निगाह कर लेते है तो कभी बीवी की तरफ। बस ये नियमित चलता जा रहा है।. Labels: मुलाकात. शख़्सियत. Friday, April 10, 2015. अब नींद कहाँ आने वाली थी. थरा रही थी। बर्तनों के एक. Labels: शख़्सियत. Subscribe to: Posts (Atom). I Am Kalam - film.

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एक शहर है: September 2014

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एक शहर है. Wednesday, September 3, 2014. आवाज़ों का चक्रव्यू. अबे रुक जा. ऐसा क्या हो गया. 8221; फिर से अपने जोरों पर कूदा। “धड़. 8220; अबे जा – जा बहुत देखे तेरे जैसे।“. 8220; मार डाल. Labels: सुनना. Subscribe to: Posts (Atom). आवाज़ों का चक्रव्यू. बहुरूपिया शहर. नए संदर्भ से जुड़े ब्लॉग. जानकीपुल: हर शहर इसी तरह बहुरुपियों का शहर हुआ करता है. मातृभाषाओं में शिक्षा को लेकर गहरी उदासीनता है. नींबू पानी पैसा : शंकर हल्दर. तनहाई मेरी मित्र हैं. दक्षिणपुरी डायरी. कौन है।. कस्‍बा qasba. हुंकार. I Am Kalam - film.

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कह न ख तम. This is an example of a WordPress page, you could edit this to put information about yourself or your site so readers know where you are coming from. You can create as many pages like this one or sub-pages as you like and manage all of your content inside of WordPress. Leave a Reply Cancel reply. Enter your comment here. Fill in your details below or click an icon to log in:. Address never made public). You are commenting using your WordPress.com account. ( Log Out. उसक म ठ स ह क छ और थ.

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उसकी मिठास ही कुछ और थी | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Laquo; समय क प स स ध ज न म श क ल ह. उसक म ठ स ह क छ और थ. Posted November 21, 2012 by kahaanikhatm in Uncategorized. म ल ल ज क ब र ग बन न क द मश न और रघ व र ज य सभ. उम र क पड व क प र करत ह य आज एकद सर क स थ च ल स स ल ग ज र च क ह पह य क तरह भ गत प र और चमकत आ ख म सफ द छ गई ह पर फ र भ रघ व र ज अपन समय क प ब द म ल ल ज क क रख न म आज भ समय स पहल पह चत ह. म झ य द ह आज भ जब व बत त थ क क स उनक प त ज उनक ह थ पकड कर इस क रख न म उन ह छ ड गय थ य कह कर क. 8220; य पढ न. 8211; ल खन क नह ह इस इ स न बन ओ.

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August | 2009 | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Archive for August, 2009. Invitation to give Freedom. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. 8220;अम म व पत ग म झ च ह ए ”. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. जब य जगह नई-नई थ इसक गल य च ड थ छत सप ट-स फ और कच च आसम न ध ल -ध ल स थ म टट यह क क र थ तब भ य जगह उसक थ और आज भ य जगह उसक ह. अपन म क व च थ ब ट थ ज सक आन पर ढ ल-नग ड न सह पर श ग भ नह मन य गय थ. म र प र म इतन दर...

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“अम्मा वो पतंग मुझे चाहिए।” | कहानी ख़तम

https://kahaanikhatm.wordpress.com/2009/08/12/अम्मा-वो-पतंग-मुझे-चाहिए।

कह न ख तम. Laquo; “व मर गय ल क न उसक द म ग ज ग ह आ थ ”. 8220;अम म व पत ग म झ च ह ए ”. Posted August 12, 2009 by kahaanikhatm in Uncategorized. जब य जगह नई-नई थ इसक गल य च ड थ छत सप ट-स फ और कच च आसम न ध ल -ध ल स थ म टट यह क क र थ तब भ य जगह उसक थ और आज भ य जगह उसक ह. व र शन य न म उस यह क ल ग न ह द य जब व प द ह ई त सभ न उस र शन कह कर प क र और इस न म क स थ व बढ ह ई. सड क क ब च क पटर पर व ब ब क स थ स त ह ई अपन क हर च ज स महफ ज प त सड क क द न स इड स आत हव न द क ओर ज य द पक क कर ज त. उसक द म ग म बह त क छ चल र...

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August | 2011 | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Archive for August, 2011. समय क प स स ध ज न म श क ल ह. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. ए क त क धब ब म क छ ध धल स बनत ह आ. ध र ध र आग बढ त ह आ, अपन प छ क छ छ ड त त क छ म ट त समय सभ क स थ अपन सफ र ज र रखत ह च द घड य क च थड म ल टत स एक अहस स. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. Tagged: म ल क त. भ र भ भ उठ कर क छ द र ब स तर क स र पर ब ठ रह क य उन ह न सपन द ख थ? क स च ड ह आ खड थ , ज स क क ई डर ह नह और इस क स थ र त क व क य भ र भ भ क द म ग म ऐस ल ट ज स क स फ ल म क स न द हर रह ह. व य सब ...

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कभी न भरने वाला अहसास | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Laquo; एक ऐस स बह, ज ह सबक स बह :. 370 द न क ब द पहल म ल क त. कभ न भरन व ल अहस स. Posted February 9, 2010 by kahaanikhatm in Uncategorized. कहत ह ज य द च न भ म ह क ज यक ब ग ड द त ह ऐस ह श यद द ल ग क ब च क र श त ह त ह ज सम ब हद नज द क भ एक ऐस कस ल पन क जन म द त ह ज भल ह द ख न पर र श त क न व क स थ. स थ व भ पनपन लगत ह तभ श यद र श त म ग प ह न जर र ह त ह त क र श त क त ज ग और म लन क उत त जन उतन ह स ह न लग ज तन क क स अजनब स म लन पर ह त ह. र प और आदत स उसक पर चय कर त ह. Leave a Reply Cancel reply.

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एक ऐसी सुबह, जो हो सबकी सुबह : | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Laquo; ख द स प छ ह कभ :. कभ न भरन व ल अहस स. एक ऐस स बह, ज ह सबक स बह :. Posted February 9, 2010 by kahaanikhatm in Uncategorized. एक स बह ऐस भ ह जब सभ अपन. अपन आदत क छ ड क छ ऐस कर ज सम व क स च ज क आद न नज र आय ज स क ई च य क आद. क ई कसरत क आद. क ई नह न क आद. क ई पख न क आद. क ई घ मन क आद इस आद स द र एक स बह क तल श. क य हम ज नत ह क हम र र त क नस स बह क उम म द म स त ह. ज सम ख व ब मनगढ त और बहक ह ई कह न य स ब न ह त ह मगर फ र भ र त न द क आग श म ब फ कर स ज त ह क ई स बह क तल श क य कर. क ई ब ठन च हत ह.

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January | 2010 | कहानी ख़तम

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कह न ख तम. Archive for January, 2010. Posted by kahaanikhatm in Uncategorized. क ई एक शख स ऐस सफ र स ल ट ह ज स सफ र क ब र म व क स क बत कर नह गय थ . उसक अज़ ज़, उसक हमसफ़र उसस आज क स म ल ग? श यद क छ स नन क ल लस ह ग . क छ प छन क हडबड हट इसक ब वज द क छ और भ ह ग ज स व य म न ल ग क व शख स हत श ह य य क य शख स उनक ह सन दर भ क थ त व पस त ल टन ह थ . ल ग जब अपन जगह म व पस ल टत ह त वह ब ठ और ज रह च हर क भ व स इतन त अन म न लग ह ल त ह क आग क सफ र उन ह कह? और क स तय करन ह? नष ट ह ज न क ब च…. एक त म ज न क ब हर. वह कह न य.

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a gal in city: small pinch of positivity

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a gal in city: Galti se Galti ho gae

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Monday, June 16, 2014. Galti se Galti ho gae. A gal in city. In the race of life, we encounter with so much experience which may. Sometime lead us to a lesson or sometime smile for whole life. Today I. Am sharing an experience which gave me both lesson and smile too. Fun Masti Majak Friendship Affair Break up Assignments. Projects Meeting new people Boring lectures Exams Stupid PJs =. For me also college life is as same for you all guys. Do you remember. Papa kehte hai ki beta bda nam karega. lots of.

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एक शाम मेरे नाम

एक शाम मेरे नाम. जिन्दगी यादों का कारवाँ है.खट्टी मीठी भूली बिसरी यादें.क्यूँ ना उन्हें जिन्दा करें अपने प्रिय गीतों, गजलों और कविताओं के माध्यम से! अगर साहित्य और संगीत की धारा में बहने को तैयार हैं आप तो कीजिए अपनी एक शाम मेरे नाम. ग़ज़लें और नज़्में. फैज़ अहमद फैज़. क़तील शिफ़ाई. परवीन शाकिर. अहमद फ़राज़. सुदर्शन फाक़िर. मनभावन गीत. किशोर कुमार. लता मंगेशकर. आशा भोसले. मोहम्मद रफ़ी. साहिर लुधयानवी. गुलशन बावरा. गुलज़ार. जावेद अख़्तर. प्रसून जोशी. स्वानंद किरकिरे. संगीतकार. ओ पी नैयर. ए आर रहमान. थ&#23...

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Ek Shayar Ka Khwab

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एक शहर है. Friday, July 17, 2015. Wednesday, July 15, 2015. Monday, June 22, 2015. परिंदे. दिल्ली देख ली. 8220;दिल्ली का किला तो. देखा मगर दिल्ली देख ली।“. साहब की बात दिल पे लग गयी। जब वे बेतुकी के इस आलम को आसान सा कातिलाना परिचय दे रहे थे। दरवाजे पे. की रोशनी अब खासी पड़ रही है। हाथ बड़ा कर के उन्हो. आंखो को अपने दांय हाथ में लगी सिगरेट के धुंए को फुंक मरते हुए रूककर कहा. 8220;अजीबो-गरीब है ये दिल्ली. साहब की बातें मेरे मन को पसंद नहीं. 8220;सज्जन रह गये ये! और कई खूबियां. हैं।. मगर कहानि. इतना कह...

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