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कुछ क्षण सृजन के : August 2010
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कुछ क्षण सृजन के. धनेन्द्र प्रवाही की चुनिन्दा प्रकाशित/अप्रकाशित रचनाएँ . धनेन्द्र प्रवाही -परिचय. हिंदी. नागपुरी. लघु कथा. Tuesday, August 24, 2010. Why cant you love. Feel the warmth of love. And the world is yours. Have a sword in your hand. Whom would then you cut'? The air to breath. The warmth, the soil. The water and ease. Every moment you please? O' it is someone's love. Love entirely for you. With all your virtue and vice. Why cannt then you love. The rest world likewise? The river is running.
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माधवी - माधव की कवितायेँ: August 2010
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. Tuesday, August 24, 2010. एक कहानी कितनी लम्बी, एक कहानी छोटी है. आँखों से जो गिरते आंसू , बूँद नहीं वो मोती है. जो आँखों के सामने हो तुम, दिल पूछे क्या सच है ये? यकीं ना होता इतनी सुन्दर चीज़ भी जग में होती है. दिल दरिया है ,दिल है समंदर, लेकिन फिर भी प्यास है अन्दर. एक कहानी कितनी लम्बी, एक कहानी छोटी है. Links to this post. रोमांस. Links to this post. बूँ...ढू&...
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माधवी - माधव की कवितायेँ: May 2010
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. Saturday, May 1, 2010. यादें. तुझको दिल में मैं बसाना चाहता हूँ. तेरी यादें गुनगुनाना चाहता हूँ. हर घरी के दर्द से एक मौत बेहतर. उस मौत से तुझमे समाना चाहता हूँ. फासले बनते बिगड़ते रहते हैं. तुम रूह मेरी हम यही बस कहते हैं. इस बात में भी दर्द कोई ढूंढ लेना. उस रूह को अपना बनाना चाहता हूँ. संग तेरा और बस तन्हाई हो. Links to this post. Labels: यादें. थोड़ी...अके...
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माधवी - माधव की कवितायेँ: September 2013
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. No posts. Show all posts. No posts. Show all posts. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी पहचान. View my complete profile. रग रग में बसी मेरी रांची- An anthem for ranchi. आवेदन - अनाथालय के एक बच्चे की अंतर्वेदना. थोड़ी ममता , थोडा स्नेह क्या थोडा मोह उधार मिलेग...प्रतिबद्धता. अकेलापन और यादें बचपन की यादें हर गु...जरुरत हो. इशारा दूर से कर क...जिस शब्द ...फ़र...
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माधवी - माधव की कवितायेँ: रग रग में बसी मेरी रांची- An anthem for ranchi
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. Wednesday, April 3, 2013. रग रग में बसी मेरी रांची- An anthem for ranchi. फिरता हूँ सपने तलाशते. घाघ-बाग़ महुआ पलाश के।. हर मोड़ मुझे बाँहों में भर ले. कैद करे यादों के पाश से।।. मैं अपने शहर से कह दूँ. कह दूँ मैं अपने शहर से . रग रग में बसी मेरी रांची।. सांसो से सगी मेरी रांची।।. खुले आसमान में सबसे कहूँ. में लिपटी दीवारें. डोमकच , छऊ. करता हर आँगन।. र ऊँचा. बिरस...
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माधवी - माधव की कवितायेँ: February 2014
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. Friday, February 14, 2014. प्रतिबद्धता. और यादें बचपन की. यादें हर गुज़रे कल की. यादें माँ के आँचल की. यादें तेरे काजल की. जो देखा करते थे आँगन में लेट कर. तारों को ढंकते बदल की. और नहीं. कुछ और नहीं. कुछ याद नहीं. कोई बीती बात नहीं. कि कल खड़ा है दरवाजे पे. स्वप्न पड़े हैं बोझिल आँखों में. कुछ चिंताएं अपने भविष्य की. और अकेलापन. Links to this post. थोड़...अके...
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माधवी - माधव की कवितायेँ: the classic
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माधवी - माधव की कवितायेँ. Here u will get my poems.that represent my emotions and sensations. गोविन्द माधव. फोटोग्राफी. नानाजी का ब्लॉग. Saturday, April 3, 2010. हवा का सामना जब भी होता है. आँखों में एक सपना छा जाता है. की तुम मेरे साथ कहीं दूर चले जाते. ऐसा लगता मनो वो पहाड के पीछे से तुम बुला रही हो. वो डुबते सूरज के पीछे से हाथ हिला रहे हो. काश की तुम पास होती जो तुम्हे कह पाएं. वो समाँ जब हम तुम साथ थे. हर छोटी बात पर हंस दिया करते थे. काश की तुम पास होते. कुछ कहना चाहते. उत्तम ।. बहुत सु...U can fol...
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कुछ क्षण सृजन के : June 2010
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कुछ क्षण सृजन के. धनेन्द्र प्रवाही की चुनिन्दा प्रकाशित/अप्रकाशित रचनाएँ . धनेन्द्र प्रवाही -परिचय. हिंदी. नागपुरी. लघु कथा. Saturday, June 12, 2010. दूर कहाँ छुट गया. दूर कहाँ छुट गया. सपनों का गाँव! अनचीन्हा-सा लगता. हर घर, हर ठाँव . छूट गई मौज कहाँ. सिमटे सैलाब. अनचीते ढूहों का. अज़हद फैलाव. रेतों में कैद हुई. जीवन की नाव. बँसवारी में नन्हे. घरबारी के घेरे. गुड़ियों की शादी पर. संबंधों के फेरे. देख सिहां जाता था. बूढा अलगाव. यादो की बदली से. छन-छन कर वो बातें. खूंसट बिलगाव. उनके या. अमृत बरस...
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कुछ क्षण सृजन के : ई बदरी बइरसी
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कुछ क्षण सृजन के. धनेन्द्र प्रवाही की चुनिन्दा प्रकाशित/अप्रकाशित रचनाएँ . धनेन्द्र प्रवाही -परिचय. हिंदी. नागपुरी. लघु कथा. Tuesday, August 20, 2013. ई बदरी बइरसी. ई बदरी बइरसी. ई बदरी बइरसी. पुरबे से उठाय हे. पछिमे तक जाय हे. उतरे और दखिने. सगरो पसराय हे. कईटको फांक नी दीसे. अकासे ढंपाय हे. आब धरती सरसी. ई बदरी बइरसी. गरजत हे ना ठनकत हे. घनगर गुन्गुवात हे. ई बदरी गंभीर बुझात हे. पोटराय हे चागुरदी से. धरती के हरसल हय. श्याम गुनी हुलसी. ई बदरी बइरसी. जोन खेत अरियाल हे. ई बदरी बइरसी. Cover page of my books.
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कुछ क्षण सृजन के : April 2013
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कुछ क्षण सृजन के. धनेन्द्र प्रवाही की चुनिन्दा प्रकाशित/अप्रकाशित रचनाएँ . धनेन्द्र प्रवाही -परिचय. हिंदी. नागपुरी. लघु कथा. Thursday, April 4, 2013. आइग ,आइग, आइग. आइग ,आइग, आइग . जंगल कर आइग।. भागत हयं मनुख. जीव, जंतु जानवर. पोड़थे बन हरियर. त्राहिमाम , आइग . ॐ अग्निमीले .अग्निदुतं . अग्नये नम: .'वेद. पूजा .जइग . होम . आइग माने प्राण. सुरुज नारायण. इंजोर आउर गरमई. जिनगी माने आइग।।. जंगल कर आइग. समुन्दर कर आइग. पेट भीतर आइग. मुड़सिरवे तारे आइग . नाना बरन रूप कर. सिरजन में आइग. मोटर गाडी. मसाल ज...
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