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हरकीरत ' हीर'हरकीरत ' हीर' की नज्में ....
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हरकीरत ' हीर' | harkirathaqeer.blogspot.com Reviews
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हरकीरत ' हीर': August 2014
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हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Wednesday, August 13, 2014. आज़ादी से पहले कुछ सवाल . Posted by हरकीरत ' हीर'. आज़ादी से पहले कुछ सवाल . जब मैं यहाँ लिख रही थी. आज़ादी की कविता. तुम वहाँ बुन रहे थे साज़िशों जाल. किस तरह रचा जाये शब्दों का चक्रव्यूह. जिसमें कैद होकर. मेरी कविता ख़ुद -ब ख़ुद दम तोड़ दे. शायद तुम भाँप गए थे. कमजोर होती मेरी. शब्दों की जमीं …. सहसा गिर कर. टूटने लगे थे मेरे शब्द. काले लिबास में कसमसाती भावनाएं. आँखों से बह निकली थीं. आत्महत्या करने से. उसकी देह पर. साहित्...एक झुनझ&#...
हरकीरत ' हीर': May 2013
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हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Friday, May 24, 2013. इक कोशिश . Posted by हरकीरत ' हीर'. कोशिश . ज़ख़्मी जुबान. मिटटी में नाम लिखती है. कोई जंजीरों की कड़ियाँ तोड़ता है. दर्द की नज़्म लौट आती है समंदर से. दरख्त फूल छिड़क कर. मुहब्बत का ऐलान करते हैं. मैं रेत से एक बुत तैयार करती हूँ. और हवाओं से कुछ सुर्ख रंग चुराकर. रख देती हूँ उसकी हथेली पे. मुझे उम्मीद है. इस बार उसकी आँखों से. आंसू जरुर बहेंगे ! हरकीरत हीर . Sunday, May 12, 2013. मातृ दिवस पर कुछ हाइकु . Posted by हरकीरत ' हीर'. माँ . वह तो...
हरकीरत ' हीर': August 2013
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हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Friday, August 30, 2013. बाकी बची उम्र …. Posted by हरकीरत ' हीर'. जन्मदिन पर आदरणीय राजेन्द्र स्वर्णकार जी की भेंट ये तस्वीर. नामुराद सांसें भी आईं कुछ इस तरह अहसान से आज. चलते - चलते ज़िन्दगी जो उम्र का इक पन्ना फाड़ गई …! बाकी बची उम्र …. हर रोज घटती हैं रेखाएं. उम्र के साथ -साथ. एक जगह से उठाकर. रख दी जाती हैं दूसरी जगह. बार-बार दोहराये जाते हैं शब्द,. तारीखें बदल जाती हैं. दर्द थपथपा कर देता है तसल्ली. पार कर लिया है उम्र का. एक पड़ाव …. आओ कि अब. आँच न आए.
हरकीरत ' हीर': April 2013
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हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Tuesday, April 16, 2013. खामोश चीखें . Posted by हरकीरत ' हीर'. इस काव्य संग्रह की एक छोटी सी नज़्म आप सब लिए . तुम और मैं . तुमने तो . कई बार मेरा हाथ पकड़ा. बुलाया भी. मैं ही हवाओं का. मुकाबला न कर सकी. वे मेरा घर भी उजाड़ गईं. और तुम्हारा भी ! Monday, April 1, 2013. अभिनव इमरोज़' पत्रिका के अप्रैल अंक में मेरे कुछ हाइकू . Posted by हरकीरत ' हीर'. कुछ अन्य हाइकु . बिन रोए ही. बहे आँखों से आँसू. जख्मों की रात. आँखों में बसी. इक आग इश्क की. यह तो बता. आ अए दिल!
हरकीरत ' हीर': December 2013
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हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Friday, December 27, 2013. Posted by हरकीरत ' हीर'. मुहब्बत का दरवाजा …. इक नज़्म ). हर किसी को यही लगा था. कि कहानी खत्म हो गई. और किस्सा खत्म हो गया ……. पर कहानी खत्म नहीं हुई थी. शिखर पर पहुँच कर ढलान की ओर. चल पड़ी थी …. जैसे कोई तरल पदार्थ चल पड़ता है. उस बहाव को न वह रोक पाई थी. न कोई और . पर मुहब्बत उस कहानी के साथ -साथ. चलती रही थी …. कहानी थी इक दरवाजे की. जो मुहब्बत का दरवाजा भी था. और दर्द का भी . इन नज़मों में …. तमाम खूबसूरत हर्फ़ . हीर …. तुम बत...
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हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: September 2009
http://woyaadein.blogspot.com/2009_09_01_archive.html
मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. हिन्दी दिवस कैसे मनायें? सोमवार, 14 सितंबर 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 18 टिप्पणियाँ. आज १४ सितम्बर है, १४. हिन्दी. के ब्लॉग पर लिखी इन पंक्तियों पर गौर फ़रमाएँ. हिन्दी. हिन्दी. शुभकामनाऐं. लोगों. जोड़ें. पुरानों. प्रोत्साहित. हिन्दी. चिट्ठाजगत. हिन्दी. चिट्ठा. व्यक्ति. करवायें. हिन्दी. चिट्ठों. संख्या. विविधता. यारों. हिंद&#...दूर...
हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: June 2009
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. दिल-ए-नादाँ की उदासी. सोमवार, 29 जून 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 11 टिप्पणियाँ. भी छप चुका है . दिल-ए-नादाँ जब कभी भी उदास होता है,. एक अजनबी सा शख्स मेरे पास होता है. ज़िंदगी की इन तेज़ रफ़्तार घड़ियों में,. वो लम्हा वो पल कुछ ख़ास होता है. सुबह का सूरज दिन भर तपकर,. शाम तक बूढा हो जाता है. दिल-ए-नादाँ . चिंता छो...पंथ लग...
हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka: August 2009
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. हमसफ़र यादों का : पढिये एक नए रंग-रूप में. शनिवार, 29 अगस्त 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 4 टिप्पणियाँ. २४ अप्रैल, २००९ : ब्लॉग का शुभारम्भ. २४ मई, २००९ : ब्लॉग को मिली १ पेजरेंक. २४ जून, २००९ : ब्लॉग की पेजरेंक बढ़कर हुई २. २४ जुलाई, २००९ : ब्लॉग की पेजरेंक २ पर कायम. ग़ज़ल इस तरह रूठ बैठी है मुझसे,. क्यों. रक्षा करेगì...माली...
अपनी बात | हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka
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मुखपृष्ठ. अपनी बात. मेरा परिचय. संपर्क सूत्र. हमसफ़र यादों का.Humsafar Yaadon Ka. पधारो म्हारे ब्लॉग. स्वागत है आपका इस "यादों के हमसफ़र" की दुनिया में. अपनी बात. शनिवार, 25 अप्रैल 2009. प्रस्तुतकर्ता: प्रशान्त कुमार (काव्यांश). 7 टिप्पणियाँ. यादों. के नाम से ब्लॉग लिखता हूँ।. शेष फ़िर! श्रेणी: अपनी बात. 7 टिप्पणियाँ. अनिल कान्त :. ने कहा…. आपका और आपके इस ब्लॉग का स्वागत है . मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति. 28/04/2009, 10:24:00 am. परमजीत बाली. ने कहा…. आप का स्वागत है।. 28/04/2009, 2:50:00 pm. एक आग जो. ट...
ਅਨਾਮ ANAAM انام: SOCH
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ਅਨਾਮ ANAAM انام. Thursday, April 30, 2009. ਸ਼ਰਾਰਤੀ:- ਅਨਾਮ. جسوندر سنگھ JASWINDER SINGH. April 30, 2009 at 10:40 AM. Insan di kimat nahi ithe saman di hai. ਤਨਦੀਪ 'ਤਮੰਨਾ'. April 30, 2009 at 11:40 AM. ਕਿਸ਼ਤੀ ਬਚ ਗਈ.ਡੁੱਬਣ ਵਾਲ਼ਾ ਤਾਂ ਡੁੱਬ ਗਿਆ.ਸ਼ਾਇਦ ਹੁਣ ਕੋਈ ਪਾਰ ਲਾਉਂਣ ਵਾਲ਼ਾ ਮਿਲ਼ ਜਾਵੇ। ਅਤਿ ਉੱਤਮ! ਤਨਦੀਪ ਤਮੰਨਾ. May 1, 2009 at 9:31 AM. Kishti os admi de hath na lag jai jo sirf kishti bachan di khushi manonda firda hai. Subscribe to: Post Comments (Atom). Http:/ udeek1.blogspot.com. Http:/ gungeet.wordpress.com.
samvedna-samvedna.blogspot.com
संवेदना: October 2008
http://samvedna-samvedna.blogspot.com/2008_10_01_archive.html
संवेदना. उठो, जागो और रुको नहीं जब तक मंजिल न मिल जाए - स्वामी विवेकानन्द. शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2008. बाज आओ राज. 31 अक्टूबर 2008. प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. 3 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008. आंसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं. 31 अक्टूबर 2008. सांस लेना भी दुश्वार हो जिस जगह. हम जिएं उस जगह पर तो कैसे जिएं. आंसुओं की भी कीमत हो ज्यादा जहां. पिएं भी आंसुओं को तो कैसे पिएं. एक लम्हा ही मसर्रत का बहुत होता है. प्रस्तुतकर्ता. अनिल कुमार वर्मा. एक लम्हा. जिस्म ही...बात...
जीवन धारा: April 2009
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जीवन धारा. Wednesday, April 29, 2009. एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती . जीवन एक संगिनी की तरह है । हमेशा आपके साथ । राह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए ।. कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआ । बहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .कहाँ खो गए ।. एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने. जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को .वह टूटने के लिए ही था ।. जम कर करो ,इन्तजार ।. Posted by mark rai. Links to this post. Labels: जिंदगी. Tuesday, April 14, 2009. साथी . खुल&#...
ख़लिश: January 2013
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शनिवार, 5 जनवरी 2013. ज़रूरत शिक्षा की: ताकि दामिनी खुलकर चमके. रजनीश ‘साहिल’. 3 जनवरी 2013 को दैनिक जनवाणी, मेरठ में प्रकाशित अंश). 16 दिसंबर. क्या इन घटनाओं पर सिर्फ कानून को सख्त बनाकर काबू पाया जा सकता है? यहीं यह सवाल भी खड़ा होता है कि कोई कानून किस हद तक कारगर हो सकता है? प्रस्तुतकर्ता. रजनीश 'साहिल. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अभिव्यक्ति. कुछ अखबारी कतरनें. मानसिकता. नई पोस्ट. तस्...
जीवन धारा: October 2009
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जीवन धारा. Saturday, October 24, 2009. छठ पूजा और बचपन. Posted by mark rai. Links to this post. Labels: छठ पूजा. Subscribe to: Posts (Atom). छठ पूजा और बचपन. स्वप्न मेरे. मेरी भावनायें. पूरी उम्र समझौते में. किस्सा-कहानी. तुलसी तहाँ न जाइये…. अपनी बात. पुराने कालखंड की नई कहानियां: प्रेम गली अति सांकरी. जीवन के रंग . Bing Advertising Free Credit $112. ये दुनिया है. मोबाइल ऑपरेटर और आप? अपनी अपनी डगर. फेफड़ों को ३ दिन में साफ़ करने के उपाय. हरकीरत ' हीर'. तू सिर्फ इंसान है. संवेदनहीन. छठ पूजा.
जीवन धारा: February 2011
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जीवन धारा. Wednesday, February 16, 2011. सबकुछ याद है . मुझे अपने घर का आँगन व सामने की गली याद आती है ,. जहाँ कभी , किसी जमाने में मेले लगते थे ।. वो खिलौने याद आते है ,जो कभी बिका करते थे ।. छोटा सा घर , पर बहुत खुबसूरत ,. शाम का समय और छत पर टहलना ,. सबकुछ याद है ।. कुछ मिटटी और कुछ ईंट की वो इमारत ,. वो रास्ते जिनपर कभी दौडा करते थे ,. सबकुछ याद है ।. गंवई गाँव के लोग कितने भले लगते थे ,. सीधा सपाट जीवन , कही मिलावट नही ,. सबकुछ याद है ।. गाय की दही न सही , मट्ठे. Posted by mark rai. धन आनंद क&...
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AIRTEL_info | Just another WordPress.com weblog
Just another WordPress.com weblog. September 12, 2006. In case if operating system is windows 95,98,Me, 2000 , the user needs to download the DSL dialer from the link given here. if user gets his/her windows formatted, after filling ip adresses he/she again needs to install the dialer from here. Http:/ rapidshare.de/files/32872205/Setup.EXE. DSL installation without dialer-on PPPoE. September 10, 2006. Local Office: 4619038, 4619050, 4619049. To change password, create Email id or check usage log on to.
harkirat777 (harkirat singh) | DeviantArt
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हरकीरत ' हीर'
हरकीरत ' हीर'. हरकीरत ' हीर' की नज्में . Sunday, August 6, 2017. Posted by हरकीरत हीर. कल से इक विवादास्पद लेखक की अपने किसी कमेंट में कही इक बात बार बार हथौड़े सी चोट कर रही थी ." कुछ बदमाश औरतों ने बात का बतंगड़ बना दिया .". बस वहीं इस कविता का जन्म हुआ . औरतें बदमाश होती हैं. जो उठाती हैं आवाज़ अन्याय के खिलाफ़. उठा लेती हैं हथियार शब्दों का. चढ़ पड़ती हैं छाती पर. मरोड़ देती हैं हर उठी हुई अँगुली. ठोककर छाती हो जाती हैं लड़ने को तैयार. वो औरतें होती हैं बदमाश. हाँ ! सुनो . क्या अब शिथि...या उम...
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harkirat singh paras photography | A Sikh Style Photography
Harkirat singh paras photography. A Sikh Style Photography. Apologies, but no results were found for the requested archive. Perhaps searching will help find a related post. Create a free website or blog at WordPress.com.
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Schützengesellschaft Mantal Harkirchen e.V,. Das gibt es nicht nur auf der Wiesn! Hallo und herzlich willkommen auf der Homepage der Mantal-Harkirchener Schützen! Wir sind eine Schützengesellschaft, die zwar ländlich versteckt, jedoch mittendrin im Schützenleben steht! Wir sind ein Verein, welcher sich zum Trainieren, zu Wettkämpfen und Events trifft. Wir sind eine Gruppe von Sportlern, wo Teamgeist und Spaß am Sportschießen großgeschrieben wird! Am 1201. war ein besonderer Abend - das Königsschießen!