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अभिव्यक्ति: नए वर्ष तुम आए
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अभिव्यक्ति. मन की ऊँची उड़ान"! मेरी नजर से. Friends18.com Birds Scraps. Friday, December 30, 2011. नए वर्ष तुम आए. दस्तक देता दरवाजे पर, यह कौन अतिथि आया. घने कोहरे से झाँका तो, वह अजनबी मुसकाया. राम-रहीम हुई उससे, मैंने भीतर बैठाया,. चाय पियोगे या कॉफी, मैंने आतिथ्य निभाया. देवदूत-सी आभा मुख पर, "नव-वर्ष" नाम बतलाया,. झोली में समेट कई सौगातें, वह अलबेला लाया. झट एक पिटारा खोल, जादूगर ने करतब दिखलाया,. वह चेतना-वाहक, सृजनशील मन-भाया,. द्वारा रचित. December 30, 2011 at 4:43 AM. December 30, 2011 at 9:15 AM.
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अभिव्यक्ति: स्कूल की यादें
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अभिव्यक्ति. मन की ऊँची उड़ान"! मेरी नजर से. Friends18.com Birds Scraps. Tuesday, October 9, 2012. स्कूल की यादें. इस आँगन में खेले हमने, जाने कितने खेल,. धमाचौकड़ी, छुआ-छुई से चोर-सिपाही-रेल. सैर सुहानी, रुत मस्तानी खूब चली वह नाव,. अब याद आती झोंकों वाली, मीठी शीतल छाँव. कोरे कागज़ के पन्नों पर, गीत मधुर जीवन के,. रचे गए सब यहीं उजाले, स्नेह-सुमन उपवन के. आशीषों की पुण्य धार में , भींग सींचे हैं सरसे,. तार-तार, कण-कण मेरे, सौभाग्य-सजीले हरषे. द्वारा रचित. Subscribe to: Post Comments (Atom). एक नशा ...
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अभिव्यक्ति: प्रणय-सूत्र
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अभिव्यक्ति. मन की ऊँची उड़ान"! मेरी नजर से. Friends18.com Birds Scraps. Friday, October 14, 2011. प्रणय-सूत्र. दबे पाँव चुपके हवा पास आई,. लगा वो तुम्हारा संदेशा हो लाई;. झोली थी खाली, झलक कोई ना थी. न आहट, न खुशबू , खबर कोई ना थी. जो पूछा पता, चाँद की चाँदनी से. वो बोली ना जानूँ, मैं इस रौशनी को. खिड़की के पल्ले, किए बंद तुमने. या शायद सखी को जलाया हो तुमने. उषा क्या, निशा भी, तुम्हें ना बताए;. उलझन हमारी सुलझ कैसे पाए;. बादल तो रूठे, बारिश भी झूठी. पल-पल अगन बन, तन-मन. कई दीप चाहत के. दबे पा...160; इन द...
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अभिव्यक्ति: भीकू
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अभिव्यक्ति. मन की ऊँची उड़ान"! मेरी नजर से. Friends18.com Birds Scraps. Tuesday, October 9, 2012. दूर उस चौराहे पर भीकू ठेला लगाता था,. याद है कुछ? जी हाँ, वही जो समोसे बनाता था. साथ में पकोड़े-जलेबियाँ भी तलता था,. फुर्सत में हथेली पर खैनी मलता था. दो रुपयों में एक समोसा,. दस में पाव जलेबी. बच्चों का वही एक भरोसा,. बोली उसकी अलबेली. आलू-मटर नहीं बाबू वह,. खुद को रोज उबालता. तपकर-खपकर पकवानों में,. जीवन का रंग डालता. दमे से दोस्ती पुरानी हो गई थी,. तल गई उसकी जवानी,. आग में जल-गल गया. आपकी पसंद. दबे...
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अभिव्यक्ति: रुपहली रात
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अभिव्यक्ति. मन की ऊँची उड़ान"! मेरी नजर से. Friends18.com Birds Scraps. Saturday, December 24, 2011. रुपहली रात. तारे चमकेँ, जुगनू दमकेँ चंदा की बारात,. आँखेँ मलके, दुनिया देखे, सजी रुपहली रात! डोली से चाँदनिया झाँके,. चोरी-से चुपके मुख ढाँपे. मुस्कान मिली सौगात;. सजी रुपहली रात! ओस-वृष्टि, आशीष झरे. माणिक-मोती सम बिखरे,. युगोँ-युगोँ का साथ,. सजी रुपहली रात! महक-बहक हवा चली,. सखी दुल्हन की मनचली. कानोँ मेँ कह वह बात,. सजी रुपहली रात! गगन मगन, मधुर मिलन,. पुलक उठा, भरे नयन;. December 24, 2011 at 5:14 AM.
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रसिक रचनाऐं
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रसिक रचनाऐं. Monday, October 11, 2010. जब बिक गयी मेरी कार, तुम भूल गये सारा प्यार्………तेरी याद भी निकली तुझसे ज्यादा वफादार्………एक पल के लिए भी मुझे तन्हा नही किया……पिं. की को छोडा, तो मिल गई रिया. Labels: शायरी. काजल कुमार Kajal Kumar. October 11, 2010 at 4:42 PM. वाह जी बल्ले बल्ले. October 11, 2010 at 5:52 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). हास्य कवि एवं जादूगर रसिक गुप्ता . रसिक गुप्ता. कवि एवं जादूगर. View my complete profile. कवितायें. फोटो गैलरी. विडीयो. अन्य कवि. राजेश चेतन.
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POETS MEET KAVI SAMMELAN: February 2009
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मन के बाग़ में बिखरी है भावनाओं की ओस। …………कुछ बूंदें छूकर मैंने भी नम कर ली हैं हथेलियाँ …………और लोग मुझे कवि समझने लगे! आपा-धापी. किस क़दर हावी हुई हैं व्यस्तताएँ देखिये. कसमसा कर रह गईं संवेदनाएँ देखिये. स्वार्थ, बाज़ारीकरण और वासना की धुंध में. खो चुकी हैं प्रेम की संभावनाएँ देखिये. चिराग जैन CHIRAG JAIN. प्रतिक्रिया. बँटवारा. जब से आंगन में हुए, दीवारों के ठाठ।. तब से मंहगे हो गए, छोटे-छोटे बाट॥. चिराग जैन CHIRAG JAIN. प्रतिक्रिया. त्यौहार. चिराग जैन CHIRAG JAIN. प्रतिक्रिया. तेरी राह ...एक संग आक...
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रसिक रचनाऐं: KAVI RASIK GUPTA ON PRAGYA CHANNEL 2
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रसिक रचनाऐं. Tuesday, September 28, 2010. KAVI RASIK GUPTA ON PRAGYA CHANNEL 2. Labels: विडीयो. Subscribe to: Post Comments (Atom). हास्य कवि एवं जादूगर रसिक गुप्ता . रसिक गुप्ता. कवि एवं जादूगर. View my complete profile. कवितायें. फोटो गैलरी. विडीयो. राम सेतू. 8220;नेता टेलेंट ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट”. KAVI RASIK GUPTA ON PRAGYA CHANNEL 1. KAVI RASIK GUPTA ON PRAGYA CHANNEL 2. रसिक गुप्ता जन सन्देश चैनल पर. संयुक्त परिवार. अन्य कवि. राजेश चेतन. Simple template. Template images by Cimmerian.
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रसिक रचनाऐं: March 2010
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रसिक रचनाऐं. Thursday, March 18, 2010. प्रायश्चित. सामने माँ का पार्थिव शरीर पड़ा था,. और बेटा निःशब्द किसी मूर्ती सा खड़ा था,. फर्क था तो सिर्फ आंसुओं. जो निरंतर बह रहे थे,. और बिना कुछ कहे ही सब कुछ कह रहे थे।. बेटा इसलिए नहीं रो रहा था. की माँ ज़िन्दगी से मुह मोड़ गयी थी,. मुझे अकेला छोड़ गयी थी. वो जानता है की मौत तो सिर्फ एक बहाना है,. एक दिन हम सबको जाना है. बल्कि इसलिए रो रहा है,. कि मेरी माँ ने जीवन में बाज़ार से,. कभी कुछ लाने के लिए नहीं कहा. हर कमी को चुप चाप सहा. हाँ मैंन...लेकिन द&#...बेट...
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