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अनवरत: June 2008
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क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ! प्रस्थान . ब्लागर को जानें. तीसरा खंबा. Sunday, June 29, 2008. ब्रह्मा, विष्णु और महेश को पत्नियों का दास बनाया, किसने? भर्तृहरि की शतकत्रयी की तीनों कृतियाँ न केवल काव्य के स्तर. यहाँ श्रंगार शतक का मंगला चरण प्रस्तुत है. शम्भुः स्वयम्भुहरयो हरिणेक्षणानां. येनाक्रियन्त सततं गृहकर्मदासाः. वाचामगोचरचरित्रविचित्रिताय. तस्मै नमो भगवते कुसुमायुधाय १. दिनेशराय द्विवेदी. Links to this post. Labels: संस्कृति. Friday, June 27, 2008. पूंजी. Links to this post.
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हिंदी जहाँ: 09/2008
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Monday, September 15, 2008. आप की याद आती रही . मक़्दूम मोहिउद्दीन. की एक मशहूर ग़ज़ल पेश-ऐ-खिदमत है. आप की याद आती रही रात भर. चश्म-ऐ-नम मुस्कुराती रही रात भर. रात भर दर्द की शमा जलती रही. ग़म की लौ थरथराती रही रात भर. बांसुरी की सुरेली सुहानी सदा. याद बन बन के आती रही रात भर. याद के चाँद दिल में उतरते रहे. चांदनी जगमगाती रही रात भर. कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा. कोई आवाज़ आती रही रात भर. Posted by हैदराबादी. Links to this post. कì...
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हिंदी जहाँ: बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Sunday, December 6, 2009. बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! Posted by हैदराबादी. बाबरी मस्जिद. इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद. December 6, 2009 at 8:36 PM. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! सब्र का दामन थामें.अल्लाह निगेहबान है. December 6, 2009 at 8:38 PM. राज भाटिय़ा. December 6, 2009 at 10:10 PM. Google ह&...
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हिंदी जहाँ: स्वागत 2010
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Saturday, January 2, 2010. स्वागत 2010. नया साल आया है. वीरान सुबह के नीले आसमाँ से उभरता. ठिठरती खमुशी में बर्फ़ीली सीटी बजाता. दबे पाऊँ आया. ठंडी शामों की खमुशियाँ. उसके क़दमों की आहट समेटे. रास्तों में, साएबानों में सिसक रही हैं. निकल आती है शब् को दरीचों की छिदों से. पुरजोश झोंकों की बेतहाशा ठंडक. ठन्डे पानियों के परिंदे. आंगनों में , छतों पर खड़े लोग. Posted by हैदराबादी. नव वर्ष शुभ कामनाएं. बहुत बढ़िया! January 2, 2010 at 5:51 AM.
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हिंदी जहाँ: 09/2016
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Tuesday, September 27, 2016. गूगल को 18 वां जन्मदिन मुबारक. ब्लॉग की दुनिया में 3 साल बाद दुबारा हाज़री लगा रहा हूँ. और आज तो शुभ दिन भी है. गूगल का 18 वां जन्मदिन।।. मज़ेदार बात यह है कि गूगल ने चार अलग अलग दिनों को अपनी बर्थडे का दिन माना है।. 18 वीं बर्थडे पर Google का Doodle यह रहा :. Posted by हैदराबादी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ मेरे बारे में. हैदराबादी. हैदराबाद, भारत. Awaz Do Hum Ko.
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हिंदी जहाँ: 01/2009
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Thursday, January 22, 2009. तू ने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था. हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह. सिर्फ़ एक बार मुलाक़ात का मोक़ा दे दे. मेरी मंजिल है कहाँ , मेरा ठिकाना है कहाँ. सुबह तक तुझ से बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ. सोचने के लिए एक रात का मोक़ा दे दे. अपनी आंखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने. अपनी पलकों पर सजा रखे हैं आंसू मैंने. आज की रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले. क़ैसर-उल-जाफ़री. Posted by हैदराबादी. Links to this post. मि...
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हिंदी जहाँ: 07/2013
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Sunday, July 7, 2013. यह पाकिस्तान है. पाकिस्तानी समाज में जिसको भी आएना दिखाया जाये तो जवाब मिलता है के फ़लाँ फ़लाँ के चहरे पर भी तो पिछले साल चिचेक निकल आई थी।. मुबारक हो पाकिस्तानियो! Posted by हैदराबादी. Links to this post. पाकिस्तान. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ मेरे बारे में. हैदराबादी. हैदराबाद, भारत. दिलचस्पियाँ:. उर्दू अदब और शाएरी , तंज़-ओ-मिज़ाह. ब्लॉग की तहरीरें. यह पाकिस्तान है. Awaz Do Hum Ko.
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कुछ कहूँ....?: January 2010
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कुछ कहूँ? Sunday, January 31, 2010. कदम-कदम पर ख़ार. कुछ ऐसे रिश्ते, जो बहुत करीब होते है, फिर भी पूरी तरह हक़ मे नहीं. इतना भी नहीं हक़,. इक बार लूँ पुकार।. ज़िन्दगी ने मिला दिया,. दिया नहीं अधिकार॥. नीरस,निराश, बेबस बैठा,. देखूं. पल-पल राह।. पर पुकार न पाऊं,. हूँ लाचार॥. तुम भी हो पाबंद-बंद,. नहीं सब द्वार।. इतनी मज़बूरी रख कैसे,. करते हमसे प्यार॥. कहते हो सर्वस्व मुझे,. सर्वस्व नहीं मेरा।. ताक़त मेरी मौन सदा,. के इस व्यवहार॥. करूँ मुआफ,या माँगू माफ़ी,. विनय या क्रोध॥. हम बेतार॥. मिलन बस,. से मन,. भì...
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कुछ कहूँ....?: July 2015
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कुछ कहूँ? Friday, July 24, 2015. प्रेयसी. परिणिता. कहीं,. साथ।।. सामने,. सुंदरी. नूर।।. चाहना,. नाविका,. मल्लाह।।. सांसों. साँस।. विश्वास।।. राकेश जैन. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). दोस्तों,. अपने बारे मे क्या कहूँ, हमेशा कुछ न कुछ बदलता रहता है,. कुछ बदलाव मैं मौन हो कर जी लेता हूँ, कुछ कह लेता हूँ,. कुछ अनुभव कवितायेँ बन जाते है,. कुछ विचार भी कवितायेँ हो जाते हैं,. ज़िन्दगी हमे अपने मुताबिक,आजमाती रहती है,. उसके साथ आगे चले जाते हैं. विजेट आपके ब्लॉग पर. आशीर्वाद. कंचन दी.
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कुछ कहूँ....?: October 2009
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कुछ कहूँ? Friday, October 30, 2009. एक ख़त सनम का. कम्युनिकेशन के युग मे ख़त इत्तेफाक हो गए हैं, अब तो मोबाइल, बैंक खाते के ब्यौरे और कई ज़ुरूरी कागज़ भी. एक कागज़,. कागज़ नही रहा,. हो गया है वोः,. एक हवाई जहाज़॥. शीश महल और,. अंतरिक्ष. का एक,. महत्त्वपरक हिस्सा,. तुमने लिख दि. ये हैं उसमे,. ज़िन्दगी के,. कुछ पल,. अब मैं बिताना चाहता हूँ,. कुछ समय,. उसे देख कर।. बनाना चाहता हूँ ,. अपनी जिंदगी के कुछ क्षण,. बेशकीमती॥. घर मे खाली पडी है,. एक दीवार,. बहुप्रीतिक्षित॥. भरे चित्र से ,. उम्र भर॥. अपने ब...