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गीत मेरे ........: December 2013
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मंगलवार, 31 दिसंबर 2013. किसका कौन सहारा माँ . नव वर्ष की पूर्व संध्या में. दो मंजिले नए पुते. घर के एक कोने में. कड़कड़ाती सर्दी. हीटर से गर्म कमरों में. केक , पेस्ट्री , मिठाई. कभी गर्म प्याले कॉफी. कभी ढल रहे ज़ाम! खेलते -कूदते बच्चों से. गुलज़ार घर में! घर के ही एक कोने में. विधवा वृद्धा माँ. पका कर खाना. नल के ठन्डे पानी से. अभी निकली है. अबोलेपन में. गली के नुक्कड़ तक! मिट्टी के चूल्हे पर. फटे -पुराने कपड़ों में. हाथ सेक लेने की मनुहार करती. नुक्कड़ पर ढाली खटिया. मन में कहते. वाणी गीत. ब्रह्म...जीव...
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महावीर: 'नूतन वर्ष कवि सम्मलेन'
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Thursday, 31 December 2009. नूतन वर्ष कवि सम्मलेन'. नव-वर्ष के शुभ अवसर पर नूतन वर्ष कवि-सम्मलेन का. आरम्भ वरिष्ठ ग़ज़लकार, कहानीकार और समीक्षक. प्राण शर्मा की ग़ज़ल से करते हैं:. साल नया है-. प्राण शर्मा. ढोल बजाओ ,धूम मचाओ ,साल नया है. क्यों ना ऐसा रंग जमाओ , साल नया है. खुल कर यारो हंसो-हंसाओ , साल नया है. चिंताओं से छुट्टी पाओ , साल नया है. इससे अब क्या लेना-देना मेरे यारो. यानी नफ़रत दूर भगाओ , साल नया है. झूमो, नाचो और लहराओ , साल नया है. प्राण शर्मा. नव वर्ष अभिनन्दन. तबाहियो...मिरी...
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गीत मेरे ........: May 2013
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सोमवार, 6 मई 2013. जो होता है वह नजर आ ही जाता है. जो होता है वह नजर आ ही जाता है. अपने प्रकाश का विज्ञापन नहीं देता. चन्द्रमा के पास भी चांदनी का प्रमाणपत्र नहीं होता! बादल कुछ पल, कुछ घंटे , कुछ दिन ही. ढक सकते हैं ,रोक सकते हैं. प्रकाश को , चांदनी को . बादल के छंटते ही नजर आ जाते हैं. अपनी पूर्ण आभा के साथ पूर्ववत! टिमटिमाते तारे भी कम नहीं जगमगाते. गहन अँधेरे में जुगनू की चमक भी कहाँ छिपती है! जो होता है वह नजर आ ही जाता है देर -सवेर. बदनियती की परते. उतरते ही! वाणी गीत. लेबल: कविता. बची रह...
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गीत मेरे ........: August 2014
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मंगलवार, 5 अगस्त 2014. चुभती है आँखों में बहुत हंसती हुई सी लड़कियां . चुभती है आँखों में बहुत. हंसने वाली लड़कियां. खुश होती गुनगुनाती लड़कियां! हँसते हँसते एक दूसरे पर गिरती. दोहरी हुई ठहाकों से. लोटपोट सी होती लड़कियां! अपनी ही आंत से रची. कृति पर मुग्ध परमात्मा. उनकी हंसी में शामिल. खुश हो लेता है भरपूर! तब उसकी ही बनाई कुछ रचनाएँ. आँखों में खून लिए. ह्रदय की जलन से दग्ध. उगलती हैं. लावा , मिटटी और धुआं! प्रस्तुतकर्ता. वाणी गीत. 28 टिप्पणियां:. लेबल: कविता. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. 1 दिन पहले. ज़ख...
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Index | लम्हे जिन्दगी के
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लम ह ज न दग क. म र ब र म …. सम पर क कर – contact me. 99) ह सल क द श म. 97) द ल क म हम न. 95) व द नह करत. 94) ब ह ल ज़ न दग क. 93) क य सब र क ज त ह? 92) म र शब द-म र व च र. 91) लत , लत ज न ह त. 90) हम प क शर ब आ गय. 89) चलन ह चलन ह , चलन मगर. 87) खत म कर गय. 86) त म ह थ. 85) आफत क शहर. 84) क छ क गज़ थ अज़ ज़. 83) मन क च ड़ य. 82) र ह-ओ-ज न ह गय ह. 81) कभ कभ य भ. 80) ल अब उठत ह , ल अब ज ऊ. 79) र ध र न र ह द. 78 ) म स बत हम प ल ल त ह. 77) ब ख र क ब त. 76) ख क ह न स पहल. 75) ज़म न व ल. 74) वह त मह न ह. 60) कव त ह म.
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गीत मेरे ........: November 2013
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शनिवार, 30 नवंबर 2013. लिख दिया उसने उसका नाम जिंदगी . लिख दिया उसने. जिंदगी. ख़्वाबों. सीपियों. तानशाही. मानिंद. कर्मों. झुठलाता. झुंझलाकर. स्याही. तुम्हे. शरारतों. शैतानियाँ. अँगुलियों. आँखों. मुस्कुराता. जिंदगी. वह मुस्कुरा उठी . बिखरे सारे रंगों को समेटा. जीवंत हो गए उसके बनाये चित्र. रख दिया उसने उनका नाम. जिंदगी. फिर उसने जब भी लिखा. जिंदगी. बन गया हर गीत उसका. जिंदगी. प्रस्तुतकर्ता. वाणी गीत. 36 टिप्पणियां:. लेबल: कर्म. जिंदगी. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. गीत मेरे . 1 दिन पहले. लिख&#...
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गीत मेरे ........: January 2014
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गुरुवार, 30 जनवरी 2014. खामोशियों में है शोर इतना . . चमचमाती फलैश लाईटें. बना देती हैं चमकदार. या चमकते ही है शोख -से चेहरे. अमीरी, नाम , शोहरत औ रुतबे से! चमक होती है डायमंड फेशियल की. या परत दर परत चढ़े मेकअप की. या फिर ढक जाते. चेहरों की कालिमा. मन के स्याह अँधेरे. दनदनाते चमकते कैमरों में! जीवन से भरी नजर आती जिंदगानियां. खिलखिलाती हैं बेतहाशा. मंच पर हाथ हिलाते. शोर में डूबी रश्क करती. तमाशबीन -सी नीचे खड़ी जिंदगानियां को. कुछ पल के लिए. जीते जाते हैं. मर जाते हैं. मगर मंच पर. नई पोस्ट. ब्रह...
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પ્રભુ તુમ મેરે મન કી જાનો………. | સરલ હિન્દી/सरल हिन्दी
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સરલ હ ન દ /सरल ह न द. 8230;યદ આપ અ ગ ર જ મ હ ન દ લ ખ સકત હ ત ક ય નહ ગ જર ત મ? ગ જર ત લ પ વ લ પ હ જ સમ હ દ આસ ન સ ક ષ ત જ લ ઇન ક બ ન લ ખ જ ત હ! વ હ દ ક સરલ ર પ હ ઔર લ ખ ન મ આસન હ! જબ આપ પત ર લ ખત હ , ક તન બ ર આપ શબ દ પર ક ષ ત જ લ ઇન ક ઉપય ગ કરત હ? Skip to primary content. અન ક રમણ ક. પ રભ ત મ મ ર મન ક જ ન ………. द सम बर 31, 2011. ક ત દ વત યહ ન સમઝન , ત મ પર મ ર પ ય ર નહ હ . યહ અપન છ ટ સ પ જ , ચરણ તક પહ ચ ન સક ગ . ઇસ લ એ ઇસ અ ધક ર મ , મ છ પત -છ પત આઈ હ ,. ત ર ચરણ મ ખ જ ઊ , ઇતન વ ય ક લ મન લ ઈ હ . મ સ ક ર હટ ચ...