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भारतीय वास्तु शास्त्र: दक्षिण रोड़ ( South Road )
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. दक्षिण रोड़ ( South Road ). दक्षिण रोड़. दक्षिण पथ की ओर तो, खडे़ भई यमराज ।. आते-जाते जो रहो , लगे कभी आवाज ।।. लगे कभी आवाज , आप पसन्द आजावे ।. कर पल में बीमार, बिफोर टाइम बुलावे ।।. कह ’वाणी’ कविराज, दुःख जावे पीछा छोड़ ।. श्रेष्ठ कुल जन्म होय , रखले दक्षिण का रोड़ ।।. शब्दार्थ :-. यमराज = मृत्यु के देवता,बिफोर टाइम = समय से पहले. भावार्थ. तुम दक्षिण दिशा में रोड़ रखलो।. 4 टिप्पणियां:. ने कहा…. 12 दिसंबर 2010 को 3:10 pm. ने कहा…. ने कहा…. नई पोस्ट. लोकप&#...
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भारतीय वास्तु शास्त्र: मेन रोड़ उत्तर रहे (Main Road North )
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. मेन रोड़ उत्तर रहे (Main Road North ). मेन रोड़ उत्तर रहे, उतरे कर्जा भार ।. दिन त्यौहार से, भोगे साहूकार ।।. भोगे साहूकार , बढ़ता धन-पारावार ।. पुत्र होनहार, होवे विदेश व्यापार ।।. कह ’वाणी’ कविराज, पूरा स्वर्ग आय उतर ।. सौ-सौ साल , रखो भई रोड़ उत्तर ।।. शब्दार्थ :-. पारावार = समुद्र, होनहार = प्रतिभाशाली, = जीवित रहो. भावार्थ :-. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कॉपीराइट. 169; 2010 अमृत 'वाणी'.com. हिंदी.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: चार दिशा में रोड़ ( Four Side Road)
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. चार दिशा में रोड़ ( Four Side Road). चार दिशा में रोड़. चारों. श्रीराम. शब्दार्थ. 900 डिग्री. 1800 डिग्री. भावार्थ. सर्वश्रेष्ठ. विशेषता. चारों. भुजाएँ. चारों. हंै।. वालें. व्यक्ति. उन्हें. 180 डीग्री. साष्टांग. हंै।. आवासियों. श्रीराम. रहेंगे. क्यांेकि. हैं।. 8216; वाणी. 8217; कविराज. आवासियों. अलौकिकता. प्राप्त. करेगा।. 4 टिप्पणियां:. ने कहा…. GOOD WORK TOWARDS UNKNOWN PERSON TO BUILD A HOUSE. 19 जनवरी 2011 को 5:23 pm. ने कहा…. ने कहा…. And Vastu For Kitchen.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: वास्तुशास्त्र एवं आवास
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. वास्तुशास्त्र एवं आवास. जीवन के है बस तीन निशान रोटी, कपड़ा और मकान यानि की जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में. भारतीय वास्तुशास्त्र ही विश्वविख्यात अध्यात्म का रूपान्तरित नवीन दृष्टिकोण है। जो ज्योतिष शास्त्र. वास्तुशास्त्री - कवि अमृत ‘वाणी’. E mail :-amritwani8@gmail.com. Website L- www.amritwani.co.in. Cont No. 91 9414735075. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कॉपीराइट. 169; 2010 अमृत 'वाणी'.com. हिंदी.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: त्याग दो ऐसा त्रिभूज (Live it up so Tribhuj)
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. त्याग दो ऐसा त्रिभूज (Live it up so Tribhuj). त्रिभुज. बने ,. त्रिशूल. दे ,. रात।।. वाणी’. कविराज,. त्रिभुज।।. शब्दार्थ. त्रिशूल. अभियुक्त. भावार्थ. त्रिभुजाकार. त्रिशूल. चाहिए।. प्रतिदिन. बाधाएँ. करें।. मुकदमें. हैं।. नेत्रों. पुष्पों. 8216; वाणी. 8217; कविराज. हत्याएँ. हैं।. बिताने. त्रिभुजाकार. त्रिशूल. देवें।. 1 टिप्पणी:. हरकीरत ' हीर'. ने कहा…. चलिए कुछ नयी जानकारी मिली आपके ब्लॉग पे ! 18 जून 2010 को 10:44 pm. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. हिंदी.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: Vastu Book
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. First Vastu book of Hindi language in laughing poetry . English edition is under process. कवि अमृत 'वाणी'. शिल्प कला पर सो कुंडलिया पुस्तक के रचियता. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). कॉपीराइट. 169; 2010 अमृत 'वाणी'.com. हिंदी. कवि अमृत 'वाणी'. शिल्प कला पर सो कुंडलिया पुस्तक के रचियता. सम्पर्क सूत्र :- 919413180558. अमृत लाल चंगेरिया (कुमावत) चित्तोडगढ. First Vastu book of Hindi language in laughing poetry . English edition is under process.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: लेखक परिचय
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. लेखक परिचय. शिक्षा. अमृत 'वाणी'. अमृत लाल चंगेरिया (कुमावत). वास्तु शास्त्री एंव नक्शा नवीस. एम ए , एम. एड . प्राध्यापक (हिन्दी). रा. उ. मा. वि. सेंथी चित्तौड्गढ़ (राज). 134 B प्रताप नगर चित्तौड्गढ़ (राज). 91 1472 244802 (R). वेब साईट. पठन , लेखन तथा भ्रमण. राजस्थानी व हिन्दी में पध-लेखन ,. प्रकाशित पुस्तकें. आखर कुंडली , महालक्ष्मी चालीसा , सरस्वती चालीसा. साँवरा सेठ चालीसा. भादवा माता चालीसा. चमत्कार चालीसा. मीरा चालीसा ,. चेतन प्रकाशन.
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भारतीय वास्तु शास्त्र: लेखकीय
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. द्वारा. देवताओं. धरतीमाता. साष्टांग. वास्तुशास्त्र. चाहँूगा. वास्तुशास्त्र. सैकड़ों. हजारों. पुराना. अतिमहत्त्वपूर्ण. संस्कृतियाँ. सृष्टि. हैं।. अतिरिक्त. रहेगा।. धार्मिक. साहित्य. स्कन्दपुराण. गरुड़पुराण. वायुपुराण. अग्निपुराण. मत्स्यपुराण. नारदपुराण. वास्तु. सिद्धान्तों. पुस्तकों. कौटिल्य. अर्थशास्त्र. पाणिनी. अष्टाध्यायी. प्राचीन. ग्रंथों. वास्तु. सिद्धांतों. भाँति. हैं।. अतिरिक्त. वास्तु. ग्रंथों. विश्वकर्मा. वास्तुरत्नावली. मुहूर्त. संहिता. वास्...सिद...
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भारतीय वास्तु शास्त्र: About us
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भारतीय वास्तु शास्त्र. मुखपृष्ठ. लेखक परिचय. कम्प्यूटर टीवी ओर मोबाईल से हर जमात में अन्दरूनी तब्दीली का ऐसा. दौर चला कि जिनके कभी मुंह भी ढंग. ढांग के नहीं थे उनमे कई लोग. आजकल बहुमुखिं प्रतिभाओं के धनी हो गए । कुछ बरसों पहले तक. जिनकी जिन्दगी का कोई स्पेशल परपज नहीं था. उनमें कितने ही. मल्टीपरपज हो कर. अधजल गगरी छलकत जाय. वाली उक्ति को पूर्ण. चरितार्थ करने में लग गए ।. भूलैया नुमा इस दुनिया की उबड़. खाते इन. मां शारदा. खाते में से वक्त बेवक्त कुछ. जिस सूरत पर आकर. तरहां कुछ पल ठहर सक&...मुझे...