merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: November 2010
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2010_11_01_archive.html
Tuesday, November 30, 2010. मैंने सुना है. अकेले में तुम अब भी रोती हो. क्या तुम्हे दुःख है कि तुमने वादे तोड़े? वादे तब टूटते हैं. जब प्यार मे किये जाएँ. प्यार तो मैंने किया था. तुमने तो बस गलती की थी! This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivs 3.0 Unported License. Thursday, November 18, 2010. खिलखिला कर तुम्हारा हँसना. और फिर कहना. तुम मुझे बिलकुल पसंद नहीं". और मैं मंद बुद्धि. हैरान परेशान यही कहता. कभी "हाँ" कभी "ना". तुम्हारे जवाब. Subscribe to: Posts (Atom).
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: July 2012
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2012_07_01_archive.html
Wednesday, July 11, 2012. Gar zindagi mujhse naashaad hogi. To ye hi mere fan ki bunyaad hogi. Tere dar pe ya jannat? Meri rooh jab mujhse aazaad hogi. Yehi soch kar apna dil toR dala. Na basti basegi na barbaad hogi. Tabassum labon par rahega humesha. Puraanii dabi jismein faryaad hogi. Mere gham pe koi kahaani likhe to. Humaari mohabbat ki roodaad hogi. Na paisa, na sapne, na mazhab, na jhagde. Ye dunya mohabbat se aabaad hogi'. Miraa 'lams' tere badan pe rahega. Sahaare se jiske meri yaad hogi! पर उसक...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: June 2010
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2010_06_01_archive.html
Monday, June 28, 2010. उसके हुस्न ओ अदा पर मैं कैसे लिखूं! उसके हुस्न ओ अदा पर मैं कैसे लिखूं. उसके रुखसार पर चाँद का नूर था. उसकी आँखों का काजल था काली घटा. जब मैं लिखने गया तो कुछ एसा हुआ. वो घटायें भी बह चाँद पर आगयीं. ये कलम जो रुकी तो रुकी रह गयी. उसके हुस्न ओ अदा पर मैं कैसे लिखूं. वो कोई खाब थी उसकी ताबीर थी. वो हकीकत नहीं थी कोई हूर थी. जब मैं लिखने गया तो कुछ एसा हुआ. वो हकीकत सी बन सामने आगई. ये कलम जो रुकी तो रुकी रह गयी. अब यही सोच कर मैंने रख दी कलम. इखलास - प्यार. Monday, June 21, 2010.
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: March 2011
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011_03_01_archive.html
Wednesday, March 30, 2011. आते ही ये जाने का बहाना तेरा. ऐसे आने से तो बहतर था न आना तेरा". जब भी बादल मेरे चहरे पे छिड़कता बूँदें. याद आ जाता है बालों का सुखाना तेरा. तू अदाएं नहीं रखती न अना* फिर कैसे. मुझपे लग जाए है अक्सर ही निशाना तेरा. अना - Ego]. क्या कयामत भी हसीं होती है? हाँ होती है! जैसे नज़रों को मिलाकर के हटाना तेरा! तू वफ़ा दीन कि बातें न किया कर सबसे. है नया वक़्त पुराना है ज़माना तेरा. वस्ल* में भी है लिए 'लम्स' गमे फुरक़त* को. वस्ल - Meeting With The Lover. Monday, March 21, 2011. बिन...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: April 2011
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011_04_01_archive.html
Thursday, April 14, 2011. Mujhse Naaraaz Ho [Movie Song]. I just love this song from the movie "Papa Kahte Hain". It has touched the very core of my heart. so just thought of sharing it on my blog. मुझसे नाराज़ हो तो हो जाओ. खुद से लेकिन खफा खफा न रहो. मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ. आप अपने से तुम जुदा न रहो. मुझसे नाराज़ हो. मुझपे चाहें यकीं करो न करो. तुमको खुद पर मगर यकीन रहे. सर पे हो आसमान या कि न हो. पैर के नीचे ये ज़मीन रहे. मुझको तुम बेवफा कहो तो कहो. मुझसे नाराज़ हो. Tuesday, April 12, 2011. A stream of...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: Faislah..
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011/03/faislah.html
Monday, March 21, 2011. वो फैसला तुम्हे याद है? वो बा-हमी* फैसला. की हम नहीं मिलेंगे अब! वो बा-हमी फैसला. कि सोच कि हदें रहें. जब दोस्तों से बात हो. तो मौज़ू* मुख्तलिफ* रहें. और उनके दायरे में तब. न तुम रहो न मैं रहूँ. वो फैसला तुम्हे याद है? वो बा-हमी फैसला. की गर कभी कहीं किसी. भी दोस्त के निकाह में. यूँ मान लो हम मिल गए. तो किस तरह मिलेंगे हम. न तुम नज़र चुराओगी. न मैं नज़र बचाऊंगा. पर इतना मान रखेंगे. हाँ हम ये ध्यान रखेंगे. कि गुफ्तुगू न हो सके. फिर आरज़ू न हो सके. अब इक बहाना और है. Mujhe bhi follower...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: Ghazal..
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011/03/ghazal.html
Wednesday, March 30, 2011. आते ही ये जाने का बहाना तेरा. ऐसे आने से तो बहतर था न आना तेरा". जब भी बादल मेरे चहरे पे छिड़कता बूँदें. याद आ जाता है बालों का सुखाना तेरा. तू अदाएं नहीं रखती न अना* फिर कैसे. मुझपे लग जाए है अक्सर ही निशाना तेरा. अना - Ego]. क्या कयामत भी हसीं होती है? हाँ होती है! जैसे नज़रों को मिलाकर के हटाना तेरा! तू वफ़ा दीन कि बातें न किया कर सबसे. है नया वक़्त पुराना है ज़माना तेरा. वस्ल* में भी है लिए 'लम्स' गमे फुरक़त* को. वस्ल - Meeting With The Lover. March 30, 2011 at 5:40 AM. मí...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: August 2011
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011_08_01_archive.html
Monday, August 29, 2011. सिलवटें. वो सारी सिलवटें जो सांस लेती थीं. जो जिंदा थीं. कभी मेरे लिए. जो आँखों के किनारे बैठ जातीं. हंसा करती थी जब तुम. ज़बीं पर जो तुम्हारे रक्स करतीं. तुम्हारे रूठने पर. तुम्हारी हर पसंद और ना पसंद का. कभी इज़हार करती थीं. तुम्हारी नाक पर. कभी आँखों के पर्दों में. तुम्हारा डर छुपातीं. वो सारी सिलवटें. वो सारी सिलवटें जो सांस लेती थीं. जो जिंदा थीं. कभी मेरे लिए. मेरे माज़ी . मैं उनकी लाशें अब. ज़बीं - Forehead. Subscribe to: Posts (Atom). My World Of Songs. बाबा हम कह . हर वî...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: March 2010
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2010_03_01_archive.html
Tuesday, March 23, 2010. सरहदें उस ओर भी इस ओर भी. खस्तगी उस ओर भी इस ओर भी. लड़ रहें हैं अब तलक आवाम दो. इन ज़मीनों को हमारा नाम दो. ऐसी आशुफ्तासरी किस काम की. इन दिमागों पर सलासिल क्यूँ पड़े. जो तुम्हारे पास है वो तुम रखो. जो हमारे पास है वो हम रखें. इन ज़मीनों के ये झगडे छोड़ कर. अब कना'अत की भी कुछ बातें करें. यह ज़मीनें मिटटी पत्थर होके भी. यह ज़मीनें तख्ते सुल्तां हो गयीं. इन ज़मीनों पर मरे जितने बशर. जोड़ लो दो गज ज़मीं उन सब कि फिर. अपने अपने लो बना कश्मीर फिर. हाल अबका सब सुना...तब गुले द...ऐसी...
merakuchsamaan.blogspot.com
Mera Kuch Saamaan: Mujhse Naaraaz Ho [Movie Song]
http://merakuchsamaan.blogspot.com/2011/04/mujhse-naaraaz-ho-movie-song.html
Thursday, April 14, 2011. Mujhse Naaraaz Ho [Movie Song]. I just love this song from the movie "Papa Kahte Hain". It has touched the very core of my heart. so just thought of sharing it on my blog. मुझसे नाराज़ हो तो हो जाओ. खुद से लेकिन खफा खफा न रहो. मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ. आप अपने से तुम जुदा न रहो. मुझसे नाराज़ हो. मुझपे चाहें यकीं करो न करो. तुमको खुद पर मगर यकीन रहे. सर पे हो आसमान या कि न हो. पैर के नीचे ये ज़मीन रहे. मुझको तुम बेवफा कहो तो कहो. मुझसे नाराज़ हो. रश्मि प्रभा. May 5, 2011 at 12:09 AM.
SOCIAL ENGAGEMENT