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ख़लिश: January 2013
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शनिवार, 5 जनवरी 2013. ज़रूरत शिक्षा की: ताकि दामिनी खुलकर चमके. रजनीश ‘साहिल’. 3 जनवरी 2013 को दैनिक जनवाणी, मेरठ में प्रकाशित अंश). 16 दिसंबर. क्या इन घटनाओं पर सिर्फ कानून को सख्त बनाकर काबू पाया जा सकता है? यहीं यह सवाल भी खड़ा होता है कि कोई कानून किस हद तक कारगर हो सकता है? प्रस्तुतकर्ता. रजनीश 'साहिल. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अभिव्यक्ति. कुछ अखबारी कतरनें. मानसिकता. नई पोस्ट. तस्...
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ख़लिश: April 2014
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मंगलवार, 29 अप्रैल 2014. अपने लौंडे की भी हवा चलेगी. लल्लन मियाँ बोले -. अमां यार. हम सोच रहे हैं कि अपने लौंडे को अगले सरपंची के चुनाव में खड़ा कर दें. मैंने पूछा कि क्यों तो बोले -. ये दुक्की जो तिक्की से पिट जाती है या ये नहला जिस पर दहला भारी पड़ता है. और सब किसके लिए पिटते-पिटाते हैं. बादशाह के लिए ही न! बादशाह सब को पीटता है और सब चुपचाप पिट जाते हैं. इसलिए बादशाह सबसे ऊपर. और जब महल बनकर तैयार हुआ तो. धर्म को टेका बना दिया. प्रस्तुतकर्ता. रजनीश 'साहिल. 1 टिप्पणी:. लल्लन मियाँ. नई पोस्ट. तलाश ज...
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ख़लिश: March 2013
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शुक्रवार, 22 मार्च 2013. ये भी कोई काम हुआ. चुपके-चुपके दिन बीता, चुपके से ही रात ढली. जब भी अपना ज़िक्र चला, ख़ामोशी ही साथ चली. अब इतने दरवाज़े हैं, कातिल जाने किससे निकला. ख़्वाब बेचती मजलिस में, मुझको ज़िंदा लाश मिली. झोले में हर चीज भरी है, नींद से ले के ख़्वाब तलक. क्या हासिल है इसका जब, धज्जी-धज्जी रात मिली. मैं सोचूँ उनके कहने से, लिखूँ तो उनके अल्फ़ाज़. ये भी कोई काम हुआ, इससे तो बेगार भली. जो भी इनकी राह चला, आख़िरकर तो मात मिली. प्रस्तुतकर्ता. रजनीश 'साहिल. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. क्षण&...
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हक बात: August 2013
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Sunday, August 25, 2013. ये जो नवाजुद्दीन है. कड़े संघर्ष का दौर. सफलता की शुरुआत. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी पहचान. रियल एक्टर. बुÑद्धदेव को मिला उनका ‘अनवर’. गालियां और आइटम सॉन्ग. युवाओं को सलाह. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Sunday, August 25, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. Monday, August 5, 2013. आरएसएस भड़काती है दंगे. राम पुनियानी. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Monday, August 05, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. Subscribe to: Posts (Atom). सलीम अख्तर सिद्दीकी सरकार औ...हम साथ साथ हैं. View my complete profile.
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हक बात: July 2013
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Friday, July 26, 2013. लोकतांत्रिक तानाशाही की आहट. सलीम अख्तर सिद्दीकी. यह भी तय नहीं है कि श्रीकृष्ण की भूमिका में कौन होगा? इस आशंका से ही सिहरन होने लगती है।. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Friday, July 26, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. Monday, July 15, 2013. कितना ताकतवर सोशल मीडिया? सलीम अख्तर सिद्दीकी. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Monday, July 15, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. Sunday, July 7, 2013. चिता पर नहीं मजार पर मेले. डॉ. महर उद्दीन खां. एक सोची-समझी साजिश. पूरी कविता. वतन पर मरने वा...
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ख़लिश: October 2014
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शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2014. किसी की आँख में तिनका पड़ा है. शहर में आजकल झगड़ा बड़ा है. किसी की आँख में तिनका पड़ा है. बहुत कमज़ोर आँखें हो गई हैं. अजब ये मोतिया इनमें मढ़ा है. कभी आकर हमारे पास बैठो. पसीना ये नहीं, हीरा जड़ा है. कोई कैसे उसे अब सच बताये. इदारा झूठ का जिसका खड़ा है. वही दिखता है जो वे चाहते हैं. नज़र पे उनकी इक चश्मा चढ़ा है. बटेरों की भी ये कैसी समझ है. कि अंधे हाथ में अक्सर पड़ा है. हमारी भी कहाँ सुनता है ये दिल. न जाने किस से ये रूठा पड़ा है. प्रस्तुतकर्ता. रजनीश 'साहिल. नई पोस्ट. अभी तक . सू...
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हक बात: April 2014
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Monday, April 28, 2014. ऐसे अच्छे दिन नहीं चाहिए. सलीम अख्तर सिद्दीकी. मैंने उसकी आंखों में आंखों में डालते हुए पूछा, बात पूरी करो। क्या कहा, आप तो अब? उसने फिर बात अधूरी छोड़ दी। उसने फिर अचकचाकर पूछा, साहब आपका पासपोर्ट बना हुआ है या नया बनवाएंगे? प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Monday, April 28, 2014. प्रतिक्रियाएँ:. Wednesday, April 16, 2014. झूठ पर आधारित है मोदी का विज्ञापन अभियान. सलीम अख्तर सिद्दीकी. क्या बीज के दाम आधे कर दिए जाएंगे? प्रस्तुतकर्ता. Wednesday, April 16, 2014. सब होनí...
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हक बात: September 2013
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Sunday, September 22, 2013. ऐसे बनी चिंगारी शोला. सलीम अख्तर सिद्दीकी. क्या इससे यह पता नहीं चलता कि हिंदुओं और मुसलमानों में कट्टर लोगों का प्रभाव ज्यादा हो गया है और अमन पसंद ताकतें कमजोर हो गई हैं? पंचायत के बाद जो कुछ होता है, वह हमारे सामने है।. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Sunday, September 22, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. राहत कैंपों के मजलूम. सलीम अख्तर सिद्दीकी. प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Sunday, September 22, 2013. प्रतिक्रियाएँ:. Subscribe to: Posts (Atom). सलीम अख्तर स...
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हक बात: February 2014
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Friday, February 28, 2014. मोदी नहीं हैं तुरूप का इक्का. सलीम अख्तर सिद्दीकी. राजनाथ सिंह मुसलमानों से यह क्यों कह रहे हैं कि यदि भाजपा से गलती हुई है, तो वह उनसे माफी मांग लेंगे? लोकसभा और विधान सभाओं में उसने कितने मुसलमानों को टिकट दिया है? ऐसा क्यों हैं कि उसके पास मुसलमानों के नाम पर सिर्फ दो चेहरे ही होते हैं? प्रस्तुतकर्ता. सलीम अख्तर सिद्दीकी. Friday, February 28, 2014. प्रतिक्रियाएँ:. Sunday, February 23, 2014. लोकतंत्र का दुर्भाग्य. प्रस्तुतकर्ता. Sunday, February 23, 2014. दोस्त न&...प्र...