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बालकुंज: 2013-10-06
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बालकुंज. प्यारे बच्चों. तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज. जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ - -मुझे भी वह जरूर बताना ।. इन्तजार रहेगा - -! भूलना मत - -. बालकुंज. बचपन के गलियारे. यथार्थ के फूल. तूलिका सदन. सोमवार, 7 अक्तूबर 2013. जातक कथा -4. Http:/ www.garbhanal.com/Garbhanal%2083.pdf. मासिक पत्रिका गर्भनाल के अक्तूबर अंक में भी इस बार पढ़िये जातक कथा -. टूटी डोर. टूटी डोर. सुधा भार्गव. सूरज की तरह चमक रहे हैं ।. प्रस्तुतकर्ता. सुधाकल्प. लेबल: अपमान. नई पोस्ट. भारत ...
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तूलिकासदन: June 2014
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तूलिकासदन. संवेदना के बीहड़ जंगलों को पार करती हुई बड़ी खामोशी से तूलिका सृजन पथ पर अग्रसर हो अपनी. छाप छोडती चली जाती है. जो मूक होते हुए भी बहुत कुछ कहती. है .। उसकी यह झंकार. कभी कविता में ढल जा. है तो कभी लघुकथा का रूप ले लेती. है और मैं कुछ पलों को उसमें खो जाती हूँ । चंचल -व्यथित के लिए क्या यह काफी नहीं! मेरे अन्य ब्लॉग. धूप -छांव. यथार्थ के फूल. बचपन के गलियारे. बालकुंज. गुरुवार, 19 जून 2014. बेड़ियों की जकड़न. सुधा भार्गव. तिरुपति मंदिर. सालों. बेड़ियों. क्यों. विक्षिप्त. I बुढ़ापे. लागत का. पत्...
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बालकुंज: 2014-05-18
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बालकुंज. प्यारे बच्चों. तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज. जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ - -मुझे भी वह जरूर बताना ।. इन्तजार रहेगा - -! भूलना मत - -. बालकुंज. बचपन के गलियारे. यथार्थ के फूल. तूलिका सदन. सोमवार, 19 मई 2014. अनोखी मित्रता. राजा के पास. एक हाथी था । जिसका. नाम मंगलू. वह बहुत शक्तिशाली था।. उसे खाने को. अच्छी किस्म के. चावल दिए जाते।. जिस स्थान पर हाथी चावल खाया करता वहाँ. कुछ चावल गिर. जाया करते. कर उन्हें. उसकी हाथी. मंत्री जी. की ।. इसकी एक कु...
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फूल और काँटे : April 2013
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फूल और काँटे. रविवार, 28 अप्रैल 2013. प्रतिभाशाली भारतीय विद्यार्थी. आई टी.( M.I.T,. USA) में जाने वाला. भारतीय कैम्ब्रिज छात्र. ऋषभ भार्गव. कई वर्षों पहले जब बुद्धि के धनी एक ऐसे ही बच्चे के संपर्क में आई तो पढ़ी –पढ़ाई. उस पर भी डाक्टर! डॉ राजन -डॉ रंजना. कानपुर(भारत). घर में सभी को पढ़ने का शौक! प्रथम जन्मदिन की केक कट रही है. दादी-बाबा के साथ! माँ ने अवाक होकर दूसरा पन्ना पलटा –उसने पन्ने के अनुसार फ...जब भी उससे पूछो –क्या चाहिए. केवल एक माँग—किताब! लाइब्रेरी नहीं. प्यारा बचपन. इस प्रतिभ...अगर च...
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फूल और काँटे : November 2012
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फूल और काँटे. बुधवार, 14 नवंबर 2012. ग्यारहवाँ पन्ना. किशोर की डायरी /. सुधा भार्गव. पापा एक हफ्ते के बाद सिंगापुर से आये हैं ।उनका हवाई जहाज देर से आया ।माँ आपको डिनर पार्टी में जाना था उनका इन्तजार नहीं कर सकीं ।. मैं ड्राइंग रूम में बैठकर घड़ी देखने लगा - - प्यारे पापा- - - आते होंगे - -बस आते ही होंगे ।. माँ ,आपके बिना वे अकेले हैं ।मैं अकेलेपन का दर्द जानता हूँ. तुमने खा लिया बेटे? चलो दोनों मिलकर खाते हैं ।. प्रस्तुतकर्ता. सुधाकल्प. 1 टिप्पणी:. इसे ईमेल करें. शनिवार, 10 नवंबर 2012. इस बार लक&...
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फूल और काँटे : November 2013
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फूल और काँटे. शुक्रवार, 8 नवंबर 2013. मेरा घुमक्कड़ी शास्त्रम् काव्य -सिंगापुर. सांस्कृतिक और आर्थिक परिवेश का आत्मीय समन्वय हो । निवेदन हैं कि थोड़ा समय निकालकर आप भी इस यात्रा में मेरे साथ चलें और अपनी प्रतिक्रिया देकर अनुगृ. मेरे वे चार दिन (रोचक समुद्री यात्रा-सिंगापुर ). पहला दिन. 8211; रविवार -. मेरे वे चार दिन और तीन रातें. सुपर स्टार वर्गो. क्रूज में कैसे बीतीं इसकी अभिव्यक्ति के लिए शब्द कम. मन भी हल्का ।. पाकिस्तानी. यूरोपियन. क्रय –विक्रय करती अप्सराओ&...दीवारों पर लकड&...मार्ग न&#...सुप...
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फूल और काँटे : February 2013
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फूल और काँटे. गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013. सुविख्यात लघुकथाकार बलराम अग्रवाल व मीरा जी के साथ बिताये पल. बैंगलोर का वह ख़ास दिन. उल्लास ,उमंग व आशाओं से भरे. नए वर्ष के आरम्भ होते ही. जनवरी से. बलराम अग्रवाल व् मीरा जी. दिल्ली से बैंगलोर. आये हुए हैं. अपने बच्चों के संसर्ग में रहकर बैंग. लोरी मौसम की खुश मिजाजी का आनंद उठाने. में व्यस्त हैं. बाहर गए हुए हैं. फरवरी में लौटने वाले थे और मैं 29 जनव्. इसके पीछे भी एक लघुकथा. है ।. पर खरा उतरता है ।आज ऐसे ही. नाटकों के लिखने और ...मैंने तो ...फैमिल...अब अग...
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फूल और काँटे : February 2014
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फूल और काँटे. गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014. समुद्री क्रूज यात्रा-पीनांग. दूसरा दिन (सोमवार -12. पीनांग (मलेशिया की एक स्टेट. की सैर. नाश्ता करते –करते अनेक पर्यटकों से जानकारी हासिल करके मजबूत इरादा कर लिया कि पीनांग का तृषा राइड(. और सिटी टूर लेंगे ।ज़्यादातर लोग यहीं जा रहे थे ।. स्वादिष्ट थी।. कहते हैं। ये फूलों से सजी सजाई. फूलों की खुशबू से भरी. कुछ तृशाएँ बड़ी विचित्र थीं।. भारत में पहले साइकिल चालक सीट पर होता है. कुछ ही देर में हम क्लान पियर्स (. दीवारें. अनोखी शिल्प शैल...बाटिक फैक...सर्प म...
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फूल और काँटे : March 2012
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फूल और काँटे. गुरुवार, 22 मार्च 2012. कैम्ब्रिज की वह छात्रा -निहारिका. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की छात्रा से एक मुलाक़ात. यूनिवर्सिटी का प्रवेश मार्ग. लायब्रेरी में न्यूटन ,सेंट पीटर की हस्तलिपियाँ. Manuscript ) देखकर चकित रह गए. तुम्हारी सफलता का राज क्या है? पहले तो वह मुसकराई फिर मृदुल स्वर में बोली -. पापा कभी कह देते -तुम्हारी कार तो गंदी रहती है - ।. हँसकर कहतीं ,अरे यह टैक्सी है ,अब थोड़ी तो गंदी रहेगी ।. तुमको घर में कौन पढ़ाया करता था? खुशहाल बचपन. मैंने पूछा. प्यारे पापा. मेरे बाब&...वह मुझस&#...
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फूल और काँटे : April 2015
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फूल और काँटे. शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015. कनाडा डायरी के पन्ने,कड़ियाँ 1,2,3. मित्रों. इसे आप साहित्य कुंज में भी पढ़ सकते हैं।. लिंक है -. Sahitya Kunj Aapkee Sahitiyak Patrika -साहित्य कुंज आपकी साहित्यिक पत्रिका. कनाडा के अजब अनूठे रंग. 8 अप्रैल 2003. स्वदेश से विदा. 8 अप्रैल. 2003 को सुबह 8. एयरपोर्ट पर लेकिन कब तक पड़े रहते. मुझे अपनों के बीच ले चलो।. एक क्षण विचार आया. बहरा और अंधा हो जाएगा ।. मदद के नाम पर उनके सामने चुगगा जरूर डाल देगा&...यही द्वंद मुझे खोखला ...10 अप्रैल 2003. 2) ओके.(. K तो इस...