ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: बिग बी के ब्लॉग से
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_231.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. बुधवार, 28 जनवरी 2009. बिग बी के ब्लॉग से. अभिनेता. आतंकवादी. संवेदना. गुस्से. November 26/27, 2008. MUMBAI UNDER TERRORIST ATTACK! November 27, 2008 - 11:06 pm. THE SONG OF THE SENSIBLE. What way the winds blow, I can understand. Why we show our backs to it, I can understand. I understand the meaning of blood. The value of money I understand. We remain disapp...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: January 2009
http://ut-patrika.blogspot.com/2009_01_01_archive.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. गुरुवार, 29 जनवरी 2009. आतंकवाद और हम भारत के लोग. दुनिया. त्रासदी. तैयारी. क्योंकि. हमें उससे अधिक चतुर और चालाक बनना होगा ।. किस कदर सताता है? आतंक किसी भूगोल विशेष में नही पनपता है। आतंक का यह भय हमें भीतर. तक उद्देव्लित कर रहा है ।. प्रस्तुतकर्ता Amit K Sagar. 14 टिप्पणियाँ. लेबल: * *आंतंकवाद. हम भारत के लोग. दुनिया. मुल्को. दुनिया. देशों. बनें,. Everythin...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: September 2008
http://ut-patrika.blogspot.com/2008_09_01_archive.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. मंगलवार, 23 सितंबर 2008. प्यार, पैसा, हिन्दी और चाँद का कुर्ता. कैटरिना. गेमा और हिन्दी. 2404; कैटरीना कैफ. को आप सब जानते हैं । गेमा. पिछले दिनों जोगिन्दर भारत आया हुआ था ।. हिन्दी. विज्ञापन,. मीडिया ,सिनेमा इन्टरनेट हर तरफ धूम मचा रही है ।. कुर्ता. रामधारी सिंह दिनकर की यही शैली उन्हे...पत्रिका ". का यह अंक विश्व. हिन्दी. पत्रिका. पाठकों. पीजा...फूल...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: वक़्त के ज़ख्म-ओ-ज़ज्बात: मेरी आवाज़ सुनो
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_7887.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. मंगलवार, 27 जनवरी 2009. वक़्त के ज़ख्म-ओ-ज़ज्बात: मेरी आवाज़ सुनो. लेखिका. जिन्हें. ख़िलाफ़. अभी भी जारी है.यकीन करें आपका योगदान और बोलना कतई जाया न जायेगा. एक चीत्कार मेरे मनसे उठ रही है.हम क्यों खामोश हैं? क्यों हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं? कहाँ गयी हमारी वेदनाके प्रती संवेदनशीलता? क्या हम अपाहिज बन गए हैं? कल देर रात, कुछ ११/३० के करì...वो : " मु...मुझ...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: अब जागना ज़रूरी है
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_2369.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. बुधवार, 28 जनवरी 2009. अब जागना ज़रूरी है. मुद्द्त. अंधेरे. हिन्दुस्तानी. ये कुछ पंक्ति मेरे दिल के जख्म की गहरी वेदना को कंही ने कंही व्यक्त. करती है। आज हम गर्व से कहते है कि आजाद है यहाँ लोगो की, लोगो के लिए,. वो चाहते थे।. तक गुलाम बना दिया जाता है व्यवस्था का।. ईमानदारी के साठ चुनाव चाहते है और न...पाए है क्युकी जब तक हम सब म...तब तक हमे ऐशे ह...क्य...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: लड़ें फ़िर अब
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_2341.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. मंगलवार, 27 जनवरी 2009. लड़ें फ़िर अब. मुंबई से. मुनव्वर सुल्ताना बदरुल हससन "सोनी हसोणी"]. दुनिया. हिंदू. मुस्लिम. इन्होने. लोगों. आंसुओं. बच्चों. नौजवानों. शान्ति. क्रांति. प्रस्तुतकर्ता Amit K Sagar. लेबल: एक कविता शाँति गुहार में*. 2 टिप्पणियाँ:. Dr Virendra Singh Yadav. 5 फ़रवरी 2009 को 8:42 pm. 14 फ़रवरी 2009 को 7:40 am. नई पोस्ट. Read in your own script.
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: एक सोच आतंकवाद पर
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_6173.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. मंगलवार, 27 जनवरी 2009. एक सोच आतंकवाद पर. आज हम जब भी आतंकवाद की बात करते है तो उसे इस्लामी आतंकवाद से जोड़कर देखते है या फ़िर हम उसे. शायद मै गलत हूँ लकिन क्या ये कारण काफी नही मेरी इस बात के सहमती के लिए. जय करो गरीबो के नाथ की जय करो हिन्दुस्तान की।. प्रस्तुतकर्ता Amit K Sagar. 1 टिप्पणियाँ:. 30 जनवरी 2009 को 8:38 am. नई पोस्ट. Read in your own script.
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: बेचते हैं लोग बड़े शौक़ से मुफ़लिसी
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_29.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. गुरुवार, 29 जनवरी 2009. बेचते हैं लोग बड़े शौक़ से मुफ़लिसी. दुनिया. मुल्को. दुनिया. देशों. मानसिकता. गरीब की. सिर्फ़. सिर्फ़. अमीरों. हिस्से. सिर्फ़. मुफ़लिसी. बेचते हैं लोग बड़े शौक़ से मुफ़लिसी. बिकती नहीं मग़र मुफ़लिसों से कभी. नाचते हैं गाते हैं मनाते हैं ख़ुशी सभी. सारे बाज़ार में कोई खरीदता नहीं. ख़िलाफ़. बनें,. लेबल: अमित के सागर. स्लम डॉग. अमित जी. ढेर...
ut-patrika.blogspot.com
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: हिन्दुस्तान का दर्द
http://ut-patrika.blogspot.com/2009/01/blog-post_4965.html
उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]. गणतंत्र दिवस पर उल्टा तीर पत्रिका की पेशक़श. Poetry of AMIT K SAGAR. उल्टा तीर. कहानी गाँव की. सिलसिला बातो का. मंगलवार, 27 जनवरी 2009. हिन्दुस्तान का दर्द. हिन्दुस्तान का दर्द वो बेदर्द नहीं समझेगे , जिन्हें आदत है खून बहाने की, जिनका. मजहब ही नफरत है! अगर बच गयी तो भगी बन जाते है न और किसी और को मिल गयी तो विरोधी बन जाते है ,इसी तरह की नोटæ...युद्ध इस कसोटी पर कभी खरा नहीं उतर सकता! क्योंकि यह लडाई हिन्दू मुसलम...हम एक माँ की औलाद है. एक टिप्पणी ...पुरा...