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आखर अलख: September 2010
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नीरज दइया री दस कवितावां. Thursday, September 23, 2010 - By ओम पुरोहित'कागद' - 0 comments. Labels: कवितावां. नीरज दइया. आं दिनां. सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) ।. ई-मेल : neerajdaiya@gmail.com. ओळख्यां अंधारो. डरै टाबर. अंधारै सूं. डरतो-डरतो सीखै. नीं डरणो ।. आवै ऐड़ो. धोळै दोफारां. टाबर ओळख लेवै. उजास में अंधारो ।. ओळख्यां अंधारो. टाबर-टाबर नीं रैवै. दबण लागै. भार सूं. करण लागै जुद्ध. अंधारै री मार सूं ।. हाकै में. म्हैं अठै. बरसां बाद बावड़ियो हूं. बो घर-गळी-आंगणो. तद नीं करै. साबत है. साख भरै सबद. गुल&#...
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Poem of Harish Bhadani: December 2008
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Saturday, December 6, 2008. आडी तानें सीधी तानें. आडी तानें सीधी तानें - हरीश भादानी. हरीश भादानी जी का परिचय यहाँ देखें।. प्रकाशक: कवि प्रकाशन, डी-2, मुरलीधर नगर, बीकानेर - 334004. संस्करण : 2006 मूल्य: 120/- ISBN 81-86436-41-3. ई-हिन्दी साहित्य प्रकाशन,. एफडी.-453, साल्टलेक सिटी,. कोलकाता-700106 मो.-09831082737. Email: E-Hindi Sahitya Prakashan. BIN Code: INHN 01-330001-033-1]. Script: AADI TANE SEEDHI TANE (Poem) By Harish Bhadani]. सरला माहेश्वरी. हरीश भादानी. E-Mail to BiN Code. साक्ष...बड़ी...
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जय कुमार 'रूसवा': July 2008
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जय कुमार 'रूसवा'. ब्लॉग आर्काइव. मेरी ग्यारह कविता. ओळ्यूँ. बुधवार, 23 जुलाई 2008. मेरी ग्यारह कविता. 1 कुछ क्षण. 2 उदास वीणा. 3 प्रीत-प्रीत. 4 मत पूछिए. 5 ऐसे दीप जलाने होंगे. 6 एक पुराना दर्द. 7 बैठो पथिक. 8 मैं शब्दों को. 9 किसलिए. 10 एक गीत. 1 कुछ क्षण. अंतस के आईने पर, कुछ क्षण गिरे हैं गल के. कितने हुए हैं भारी, फूलों से जो थे हलके. अंतस के आईने. सांसों की बांसुरी ने, अनबोले गीत गाए. भावों की भीनी भाशा, घुट-घुट के मरती जाए. अंतस के आईने. अंतस के आईने. अंतस के आईने. ऊपर जायें. आज वीणा पर. ओढ़नी...
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सीताराम महर्षि: पं.सीताराम महर्षि
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सीताराम महर्षि. Some Books Of Sitaram Maharshi. सीताराम महर्षि. अनुक्रमणिका. अनुक्रमणिका. ई-हिन्दी साहित्य सभा. दिल्ली में दिल्ली पुलिस का जंगल राज. नया समाज. परिचयः सज्जन भजनका. हरीश भादानी. विद्रोही रचनाशीलता के एक कवि श्री हरीश भादानी जी नहीं रहे़. Jai Kumar ' Ruswa'. मेरी ग्यारह कविता. शनिवार, 26 जुलाई 2008. पं.सीताराम महर्षि. डॉ. अरुण प्रकाश अवस्थी. राम-चरित जे सुनत अधाहीं।. रस विशेष जाना तिन्ह नाहीं।।. ऐसे संत कवि को मेरा शत्-शत् नमन।. प्रस्तुतकर्ता. नया समाज. ने कहा…. ने कहा…. नई पोस्ट.
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जय कुमार 'रूसवा': June 2008
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जय कुमार 'रूसवा'. ब्लॉग आर्काइव. टुकड़े-टुकड़े सोच. मंगलवार, 17 जून 2008. टुकड़े-टुकड़े सोच. बूढ़े बाप को. एक शब्द ने. जब दो बेटों ने. खड़े होकर कहा. बंटवारा" ।. 2अंगूठा. शहर भर में,. साक्षरता अभियान के. पोस्ट लगाए. मज्दूरी के पैसे. अंगूठा. लगा कर उठाए।. पार्टियों की. खींचा-तान. आतंक का साम्राज्य. सहमी-सहमी है. यह आजादी है. आजादी की. गलतफहमी है? शहीदों ने. देश बचाने. आयुध बनाने के लिये. अस्थियां दी. आज के नेताओं ने. उन अस्थियों की. दुकान खोल ली।. 5भारत महान. भूखा,. अधनंगा,. गौर से. दिवार पर. कर्ज ल...
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Aapni Bhasha: October 2011
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आपणी भासा म आप’रो सुवागत. अब तक की जारी सूची:. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां-६ - शंभु चौधरी. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां-५ - शंभु चौधरी. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां-४ - शंभु चौधरी. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां -३ - शंभु चौधरी. राजस्थानी कहावतां-१. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां- २ - शंभु चौधरी. चाळो राजस्थानी बांचणो सीखां- १ - शंभु चौधरी. कोलकाता में बने राजस्थान भवन –केशव भट्टड़. शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2011. विवेचनाः. राजस्थानी - हिन्दी. हाल सुणां जद जलम भोम रो,. हिन्दी में. सै’योग - सहयोग. आवै - आना. नी&#...
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जय कुमार 'रूसवा': मेरी ग्यारह कविता
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जय कुमार 'रूसवा'. ब्लॉग आर्काइव. मेरी ग्यारह कविता. ओळ्यूँ. बुधवार, 23 जुलाई 2008. मेरी ग्यारह कविता. 1 कुछ क्षण. 2 उदास वीणा. 3 प्रीत-प्रीत. 4 मत पूछिए. 5 ऐसे दीप जलाने होंगे. 6 एक पुराना दर्द. 7 बैठो पथिक. 8 मैं शब्दों को. 9 किसलिए. 10 एक गीत. 1 कुछ क्षण. अंतस के आईने पर, कुछ क्षण गिरे हैं गल के. कितने हुए हैं भारी, फूलों से जो थे हलके. अंतस के आईने. सांसों की बांसुरी ने, अनबोले गीत गाए. भावों की भीनी भाशा, घुट-घुट के मरती जाए. अंतस के आईने. अंतस के आईने. अंतस के आईने. ऊपर जायें. आज वीणा पर. ओढ़नी...