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नरेश विद्यार्थी: September 2011
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Sunday, September 25, 2011. नाराज़ बादल से मनुहार. आ बरस ले,. अपनी ख़्वाहिशें पूरी कए ले,. ऎ मेरे नाराज़ बादल-. तूं मेरा है और. ये टूटा मकां भी मेरा है,. टूटा नहीं है तुझ से. मेरा नाता-. टूटे आशियाने को तो,. फिर से सजा-संवार लूगां,. मग़र तुझ से टूटे नाते को,. फिर से जोड़ना मुश्किल होगा,. इसे तो,. कोई कारीगर भी. नहीं जोड़ सकता-. इस लिए तूं बरस,. Saturday, September 3, 2011.
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मंडाण: निर्मल कुमार शर्मा री कवितावां
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राजस्थानी कविता संचयन / संपादक- नीरज दइया. मुखपृष्ठ. निर्मल कुमार शर्मा री कवितावां. निर्मल कुमार शर्मा. कवितावां- नुंवै पोत री. लाडूडाँ ज्यूँ भुरती ईंटा, पंजीरी ज्यूँ खिरती रेत. घेवर ज्यूँ छिदियोड़ी छातां, पापड़ ज्यूँ फड़फड़ता गेट. सीरे ज्यूँ पसरयोड़ी नालियाँ, डंकोली ज्यूँ बांका पेम्प. कच्चोडी ज्यूँ थोथी सड़काँ, सम्मोसे ज्यूँ तीखा रेम्प. अजब बनाई रचना, थांरी हुर्र बोलू. थानें इंजीनीयर बतलाऊँ, या हलवाई बोलूं! बिन हाथ लगाया, दरद जाण गया. परची मोटी करी तय्यार. रपट पढी ना एक भी बार. आदमी ने ख...धरती...
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नरेश विद्यार्थी: June 2013
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Friday, June 21, 2013. स्वार्थ की कुल्हाड़ी. प्रकृति से छेड़छाड़,. स्वार्थ की कुल्हाड़ी से,. परम्पराओं का कटान,. कर्म को त्याग,. धर्म के पीछे दौड़ना,. अपनी चाल में चल रही,. नदियों को मोड़ना,. साफ़ सुथरे पानी में,. अपने जिस्म का कचरा छोड़ना-. अपने पाप के बोझे को,. जिस्म पर लाद कर,. धरती का सीना मरोड़ना,. आपाधापी के बवंडर में. Labels: मेरी कविता. Thursday, June 6, 2013. खì...
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नरेश विद्यार्थी: December 2011
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Saturday, December 31, 2011. कल की सुबह. सर्द सुबह,. नई सी लगी,. मगर चेहरे पे नक़ाब,. पुरानी सी लगी,. घनी कोहरे की चादर,. पहले से कुछ मैली सी लगी,. शायद वक्त के साथ,. घूमते घूमते,. घिस गई है,. जीवन की रस्सी,. कमजोर होकर,. कमजोर कड़ी की तरह,. बस टूटने के कगार पर है,. कल की सुबह. Labels: मेरी कविता. Saturday, December 24, 2011. जिन्दगी . जब मैंने,. मान लिया,. कभी तो. रोज...
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नरेश विद्यार्थी: September 2013
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Thursday, September 26, 2013. जिन्दगी पतंग. उम्मीदों की डोर से. उड़ रही जिन्दगी की पतंग. किसी ने छोड़ा मझधार में. कोई आज भी है संग.j. Subscribe to: Posts (Atom). मेरा परिचय. View my complete profile. मेरी जिन्दगी का सफ़र. मेरे लेखन का सफ़र. मूक बधिर ,मन्दबुद्धि व अनाथ बच्चों के साथ. मेरी कविताएं. नरेश विद्यार्थी. कभी तो. SANTRE RI FAANKYAN AR POUDEENE RI GOLYAN. रोज गढत&...
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नरेश विद्यार्थी: July 2012
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Friday, July 20, 2012. जिन्दगी क्या? जिन्दगी कभी नहीं कहती,. अपने गले में फ़न्दा डाल कर,. मुझे ऊंचा उठाओ-. जिदगी तो बस,. इक सयानी गीली मिट्टी सी है,. जिसे जहां रखो,. जिस सांचे में ढालो,. वहीं रम जाएगी,. जम जाएगी।. Labels: मेरी कविता. Subscribe to: Posts (Atom). मेरा परिचय. View my complete profile. मेरी जिन्दगी का सफ़र. मेरे लेखन का सफ़र. कभी तो. रोज गढती हू&...घर री र&#...
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नरेश विद्यार्थी: December 2014
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Thursday, December 18, 2014. बस में नहीं. बस में नहीं किसी का आना,. किसी का जाना. इन्साफ़ के तराजू में. क्या तुलता है. इन्सान को ही. समझ ना आया. Labels: मेरी कविता. Subscribe to: Posts (Atom). मेरा परिचय. View my complete profile. मेरी जिन्दगी का सफ़र. मेरे लेखन का सफ़र. मेरी कविताएं. नरेश विद्यार्थी. कभी तो. SANTRE RI FAANKYAN AR POUDEENE RI GOLYAN. रोज गढती हí...घर रì...
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नरेश विद्यार्थी: November 2012
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Wednesday, November 7, 2012. उम्र का जोश. उम्र का जोश और. उम्र की थकान,. अमीर को ऎश और. गरीब को मकान,. आने जाने का रास्ता एक है,. सब का एक ही मकाम-. Labels: मेरी कविता. Subscribe to: Posts (Atom). मेरा परिचय. View my complete profile. मेरी जिन्दगी का सफ़र. मेरे लेखन का सफ़र. मेरी कविताएं. नरेश विद्यार्थी. कभी तो. SANTRE RI FAANKYAN AR POUDEENE RI GOLYAN. रोज गढती ह...घर रì...
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नरेश विद्यार्थी: September 2014
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Saturday, September 27, 2014. बिखरते सपने. ये जानता हर शख्स. कि देने वाला मेरा रब ही है. मगर उम्मीदों का चराग. किसी और की लौ से जलाने की उम्मीद. ना जाने क्यों बाध लेता है. जब उम्मीद टूटते ही. बिखर जाते हैं सपने. Labels: मेरी कविता. Subscribe to: Posts (Atom). मेरा परिचय. View my complete profile. मेरी जिन्दगी का सफ़र. मेरे लेखन का सफ़र. कभी तो. रोज गढती हू...घर री र&#...
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नरेश विद्यार्थी: March 2012
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मेरा यह बलोग उन लोगों को समर्पित है जो किसी प्रभावशाली, दौलतमन्द की लाठी से हांकी गई भैंस की चपेट में आ कर घायल हो गए,ज़ख़्मी हो गए।. Saturday, March 24, 2012. काश मैं सांझा होता. काश मै सांझा चूल्हा होता. एक ही तवे पे बनती रोटी. सांझी थाली में. दिल सांझा. मन सांझा. सारा जग सांझा होता. हर दिन नया नवेला होता. आंगन में गूंजे किलकारी. संवादों का रेला होता. हर घर में मेला होता. इस मेले में. न कई गुम होता. न कोप भवन में सोता. न संवादहीनता-अनबोला होता. Labels: मेरी कविता. Friday, March 23, 2012. सहज और गंभ...