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सुरेश यादव सृजन: June 2011
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सुरेश यादव सृजन. मेरी चुनी हुई रचनायें. रविवार, 19 जून 2011. अपनी बात. सुरेश यादव. मेरी संवेदना. तुम्हारी कविता में. बहुत बार. हथेलियों के बीच…. मरी तितलियों का रंग उतरता है. बहुत बार. घायल मोर का पंख. तुम्हारी कविता में रंग भरता है. ऊंचे आकाश में. चिड़िया मासूम कोई जब. बाज़ के पंजों में समाती है. शब्दों की बहादुरी. तुम्हारी कविता में भर जाती है. मेरी संवेदना. जाने क्यों. इन पन्नों पर जाती हुई. शर्माती है।. मेरी कविताओं की ज़मीन. उस आदमी के भीतर का धीरज है. छिन चुकी है. इस ज़मीन को. ज़मीन पर. सम्प...
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सुरेश यादव सृजन: July 2011
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सुरेश यादव सृजन. मेरी चुनी हुई रचनायें. बुधवार, 27 जुलाई 2011. अपनी बात. महज़ दो कवितायें दे कर आप की संवेदना का साझीदार बनने हेतु प्रयास कर रहा हूँ…आप की प्रतिक्रियाएं मुझमें समझ और विवेक पैदा करेंगी, धन्यवाद।. सुरेश यादव. दिल में बच्चे. गलियों में गुमसुम बच्चे. जब - खुलकर हँसते हैं. फूलों से भर जाती खुशबू. रंग फूलों में खिलते हैं. आँगन में. जब जब शोर मचाती. इन बच्चों की किलकारी. चटख रंगों की. फागुन में जैसे. मौसम की पिचकारी. हँसते - गाते धूम मचाते. बैर-भाव सब भूल भालकर. इस घर की तब -. इस घर की. सम्...
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सुरेश यादव सृजन: November 2013
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सुरेश यादव सृजन. मेरी चुनी हुई रचनायें. शनिवार, 16 नवंबर 2013. मित्रो. प्रस्तुत. पुरानी. कविताएं. लगीं।. उन्हें. प्रस्तुत. कर रहा हूँ।. प्रतिक्रिया. उत्सुकता. रहेगी।. आँखों. धागों. स्वीकृति. प्रदर्शनी. जिन्होंने. तालियां. खिलौना. खिलौना. खिलौना. हूँ मैं -. चिड़ियाँ. न्हें. शुभचिंतकों. चर्चाओं. पालें. सांपो. बावले।. प्रस्तुतकर्ता. सुरेश यादव. 3 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: सुरेश यादव की कविताएं. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). रहेंगे।. सुरेश यादव. पहला स...
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वातायन: November 2012
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साहित्य, समाज और संस्कृति का झरोखा. मुखपृष्ठ. शुक्रवार, 2 नवंबर 2012. वातायन-नवंबर,२०१२. हम और हमारा समय. विकास के रथ में भ्रष्टाचार का पहिया. रूपसिंह चन्देल. सभी एक-मत हैं– एक जुट हैं. ऎसा पहली बार हो रहा है और इसलिए पहली बार. हो रहा है क्योंकि किसी व्यक्ति ने. एक साथ सभी को बेनकाब कर आम जनता को उनके असली चेहरे दिखाए हैं. 2404; अपने एक इंटरव्यू में. डेड लाइन. प्रेम प्रकाश. पंजाबी से अनुवाद : सुभाष नीरव. एसपी. आनन्द. गन में गेंद से खेलनेवाला. और जो भी सब्ज़ी बनती. हो सकता है. ताया की प&#...पहोवì...
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वातायन: December 2013
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साहित्य, समाज और संस्कृति का झरोखा. मुखपृष्ठ. मंगलवार, 3 दिसंबर 2013. वातायन-दिसम्बर,२०१३. हम और हमारा समय. लड़कियां और सामन्ती सोच. रूपसिंह चन्देल. से जुड़े वे तथ्य. थे जिन्हें तलवार दम्पति ने छुपाए या पुलिस को उनके संबन्ध में भटकाने का प्रयास किए. विद्वान जज ने दोनों को उम्रकैद. की सजा के छब्बीस आधार. कारणों से जो त्यधिक व्यस्त रहते थे…सूत्रों के. प्राण शर्मा की तीन लघु कथाएँ. अहिंसावादी. लिए उसके आगे कर देना चाहिए।. बिच्छु है। मार गिराइये। `. मुझ अहिंसावादी को क...बिच्छु अकस्म...मारता ह&#...सोन...
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वाटिका: January 2011
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वाटिका. समकालीन कविता के उपवन का मासिक भ्रमण. रविवार, 2 जनवरी 2011. वाटिका - जनवरी 2011. आप सभी को नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं! सुभाष नीरव. जेन्नी शबनम की सात कविताएँ. दंभ हर बार टूटा. रिश्ते बँध नहीं सकते. जैसे वक़्त नहीं बंधता,. पर रिश्ते रुक सकते हैं. वक़्त नहीं रुकता! फिर भी कुछ तो. है समानता,. न दिखे पर दोनों. साथ है चलता! नहीं मालूम. दूरी बढ़ी. या कि. फासला न मिटा,. पर कुछ तो है कि. साथ होने का दंभ. हर बार टूटा! भी झुलस जाता है. मेरे इंतज़ार की. पर कुछ तो हुआ है,. थम कैसे गए? लिखना,. एक इम्...
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वाटिका: January 2013
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वाटिका. समकालीन कविता के उपवन का मासिक भ्रमण. रविवार, 13 जनवरी 2013. वाटिका – जनवरी 2013. 8220; वाटिका. 8221; – समकालीन कविता के इस उपवन में. भ्रमण करते हुए अभी तक आप अनामिका. अलका सिन्हा. श्रीवास्तव. 8216; हीर. 8217;, सुरेश यादव. कात्यायनी. रामेश्वर काम्बोज. 8216; हिमांशु. 8217;, डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव. रेड्डी. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी. रामकुमार कृषक. आलोक श्रीवास्तव. सुरेन्द्र. अनिल मीत. शेरजंग गर्ग. लता हया. ओमप्रकाश यती. 8216; वाटिका. 8220; शैल प्रतिमाओं से. 8216; वाटिका. सुभाष नीरव. के लिए. मै...
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रचना यात्रा: May 2015
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रचना यात्रा. गुरुवार, 7 मई 2015. यात्रा संस्मरण. जैसलमेर - समसैंड ड्यून का एक चित्र - २९ .११.२०१४). अतीत में जीते हुए कुछ दिन. रूपसिंह चन्देल. वीर प्रसूता राजस्थान मुझे सदा आकर्षित करता रहा. चित्तौड़ और उदयपुर (जनवरी,१९९१) की यात्रा के पश्चात ही तय किया था कि. मूमल से सम सैंड ड्यून की दूरी ४२ कि.मी. है. लागभग आधी. कुलधरा गांव का एक दृश्य). कुलधरा का एक ध्वस्त मकान). 8217;भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग’, न. राजस्थान सरकार ध्यान. कुलधरा का मंदिर). विषय में प्रकाश ने बत&#...इंदिरा कै...१ दिसम्बर...8221; प&#...
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सुरेश यादव सृजन: December 2012
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सुरेश यादव सृजन. मेरी चुनी हुई रचनायें. रविवार, 2 दिसंबर 2012. अपनी बात. मित्रो. लम्बे अंतराल के बाद आप के सामने अपनी नई पुरानी तीन कवितायेँ. लेकर फिर प्रस्तुत हूँ. आशा है. आप भूले नहीं होंगे. इस बीच कविताओं को. गोष्ठियों और कवि सम्मेलनों के माध्यम से अपने चाहने वालों तक पहुंचता. तो रहा हूँ परन्तु अपने इस ब्लॉग के व्यापक मित्र मंच से इन दिनों अवश्य. भागीदारी का आकांक्षी भी हूँ. सुरेश यादव. जीवन पानी का बुलबुला है. आदमी का अगर. पानी का बुलबुला है. फिर क्यों. अवसादों का गहरा. आदमी का. रे कवि! विपद...