dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: शहीदों की याद में,
http://dheerendra11.blogspot.com/2013/01/blog-post_31.html
काव्यान्जलि. गुरुवार, 31 जनवरी 2013. शहीदों की याद में,. शहीदों की याद में,. शहीद हुए वतन के लिए याद करते जाइये,. अमर शहीदों के याद में ,आंसू तो बहाइये! सरहद की रक्षा की, अपने सर को कटाकर. जन-जागरण में उनकी गाथा तो सुनाइये! नेता नहीं थे वे देश के, है अमर - भारती. चौराहों में उनके नाम की प्रतिमा लगाइये! तुरबत पर उनके फूल चढ़ाना नहीं काफी,. नगरों में उनके नाम की बस्ती बसाइये! बलिदान शहीदों का सहादत है देश की,. देकर के खून - खून का कर्जा चुकाइये! Dheerendra singh bhadauriya, ,. उत्तर दें. आपके हर प...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: दीप जलाये .
http://dheerendra11.blogspot.com/2014/10/blog-post_23.html
काव्यान्जलि. गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014. दीप जलाये . दीप जलायें. खेतों में दीप जलाये कृषकों ने नई फसल के! दरिद्रता का घना अन्धेरा मिटा इसी के बल से! चारो ओर धरा है जगमग ,आज सुहानी लगती! खुशहाली के गीत गूँजते, नई आशाऐ जगती! हरवाहे किसान महिलाएं, श्रम की माल पिरोती! दीपपर्व पर कर न्योछावर,आज खुशी के मोती! लक्ष्मी-सुत, लक्ष्मी का वंदन दीपावली में करता! जला जला माटी के दीपक, आज अन्धेरा हरता! घर आनाज तो सदा दिवाली,संभव किसान है करता! इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. लक्ष्मी. प्रका...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: अकेलापन,,,,,
http://dheerendra11.blogspot.com/2012/05/blog-post_31.html
काव्यान्जलि. शुक्रवार, 1 जून 2012. अकेलापन, , ,. अकेलापन,. कितना मधुर सुहाना लगता है,. ये अकेलापन. कोलाहल से दूर. मन भागता सा प्रतीत होता है. बनते बिगड़ते और धरासायी होते है. न रिश्तों खिचाव. और न कोई भर्मित आस्था. इक अलौकिक बंधनों से मुक्त. आजाद पंछी सा. विचरता हुआ मन. कितना साफ सुथरा लगता है. ये अकेलापन. इस शहर से दूर. कहीं निर्जन वन में. ज़रा सी धरती की कंपन से. पत्तों की सरसराहट. मुझे झकझोर देती. बस खोखला हो जाता है! ये अकेलापन. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. ये अकेल&#...न रि...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: वह सुनयना थी,,,( विक्रम सिंह )
http://dheerendra11.blogspot.com/2013/01/blog-post.html
काव्यान्जलि. शुक्रवार, 4 जनवरी 2013. वह सुनयना थी, ,( विक्रम सिंह ). वह सुनयना थी,. कभी चोरी-चोरी मेरे कमरे मे आती. मेरी पेन्सिले़ उठा ले जाती. और दीवाल के पास बैठकर. अपनी नन्ही उगलियों से. भीती में चित्र बनाती. अनगिनत-अनसमझ, कभी रोती कभी गाती. वह फिर आयी थी मेरे कमरे में. मुझे देख सकुचाई थी. नव-पल्लव सी अपार शोभा लिये. पलक संपुटो में लाज को संजोये. सुहाग के वस्त्रों में सजी. उषा की पहली किरण की तरह. कॉप रही थी. जो अभी तक मुझसे पा रही थी. दबे पाँव. डरी सहमी सी. उस कबूतरी की तरह. मैने वा...और तेर...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.
http://dheerendra11.blogspot.com/2013/07/blog-post.html
काव्यान्जलि. सोमवार, 1 जुलाई 2013. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें. आदरणीय धीरेंद्र सिंह भदौरिया जी को. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें. जन्मदिवस है आज आपका ,करें बधाई को स्वीकार. हमें मिठाई अभी चाहिये , ये तो अपना है अधिकार. जुग-जुग जीयें हमारे अग्रज, ईश्वर से करते मनुहार. सदा लुटाते रहें सभी पर,अपना निश्छल लाड़-दुलार. पूछा उनसे तो बतलाया ,उमर हुई अब तिरसठ साल. किंतु अभी भी युवा हृदय से, देखो इनके रक्तिम गाल. रहे सफलता कदम चूमती,तन मन धन से मालामाल. इसे ईमेल करें. 1 जुलाई 2013 को 10:49 am. धीरे...शुभ...
soumya2012.wordpress.com
Nothing stops in this world, life still continues! | Diary of a mind
https://soumya2012.wordpress.com/2014/09/07/nothing-stops-in-this-world-life-still-continues
Diary of a mind. My views,my thoughts will touch the heart! Nothing stops in this world, life still continues! It was made of wood and clamped at ends and joints with bolts and nuts. The old boat was well known on the banks of the overflowing river that which ran on the outskirts of the village.The boat which carried people to their destination across thundering waves and safely transporting them to different shores stood rudderless today and gulped for air , sinking in oblivion. September 7, 2014. We at...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: नववर्ष की बधाई,,,
http://dheerendra11.blogspot.com/2012/12/blog-post_3925.html
काव्यान्जलि. बुधवार, 26 दिसंबर 2012. नववर्ष की बधाई, ,. नववर्ष की बधाई,. बीत गया. दुख में ,. कोई खुशी नही पाई,. नया साल सुखमय गुजरे ,. नववर्ष की बधाई! 2012 बीत रहा, क्या खोया क्या पाया है,. महंगाई ,. बलात्कार ,. का फैला देखो साया है! जीवन की उपलब्धियां,अभी भी है अवरुद्ध ,. सभ्यता बढी है, पर जारी अभी भी है युद्ध! जिन्दगी का दामन फटा ,आँसू भी. है नम ,. आदमी सुखी नहीं,छाया है दुनिया में गम! जो स्वप्न है सच का, वरदान कब बनेगा,. शैतान आदमी न जा ने,. इंसान कब बनगा! नववर्ष की बधाई. उत्तर दें. नए वर्ष म...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: स्वागत गीत,,,,,dheerendra,"dheer"
http://dheerendra11.blogspot.com/2012/06/blog-post.html
काव्यान्जलि. मंगलवार, 5 जून 2012. स्वागत गीत, , ,dheerendra,"dheer". स्वागत गीत -. आप आये यहाँ पर शत शत नमन. खिल उठा आज जैसे बसंती चमन. हाथ पुष्पों की माला लिये हम खड़े. कर रहे आपका स्वागतम स्वागतम,. आप आये यहाँ पर शत शत नमन. कर रहे आपका स्वागतम स्वागतम,. आज धरती खुशी से हरी हो गई. रंग वाली तितलियाँ परी हो गई. पादपो की झुकी डालियों पे विहंग. बैठकर गा उठी स्वागतम स्वागतम. आप आये यहाँ पर शत -शत नमन. कर रहे आपका स्वागतम स्वागतम,. नीले आकाश से फूल झरने लगे. आप आये यहाँ पर शत शत नमन. बढ़िया भाव. चाँ...बज उठ...
dheerendra11.blogspot.com
काव्यान्जलि: वजूद
http://dheerendra11.blogspot.com/2014/09/blog-post.html
काव्यान्जलि. मंगलवार, 2 सितंबर 2014. तुम्हारे भी एक बेटी होती. प्यार से उसका नाम रखते ज्योती,. सहमी सहमी सिमटी सी-. गुलाबी कपड़ों लिपटी सी-. टुकुर टुकुर निहारती,. जैसे बेरहम दुनिया को देखना चाहती,. उसका हंसना बोलना और मुस्कराना,. तुम्हारा प्यार से माथे को सहलाना,. गाल चूमकर नाम से बुलाते-. गोद में उठाकर सीने से लगाते-. तो तुम्हरा दिल खुशियों से नाच उठता,. कितनी ठंडक पडती कितना सकून म िलता,. नन्हे नन्हे पैरों से चलने की आहट. हंसना रोना और उसकी खिलखिलाहट,. घर बसाती है,. पर तुमने-? Facebook पर साझ...